पंजाब के करीब 9 मेडिकल कॉलेजों में 1,425 सीटों को भरने के लिए राज्य में एमबीबीएस काउंसलिंग के पहले चरण के बाद पंजाब के मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में अध्ययनरत 441 छात्रों ने अपनी-अपनी सीटें छोड़ दी हैं. इतनी बड़ी संख्या में छात्रों द्वारा सीटें छोड़े जाने के पीछे का कारण एमबीबीएस की महंगी फीस का होना बताया जा रहा है.
हाल ही में पंजाब सरकार की कैबिनेट बैठक में राज्य के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की 80 प्रतिशत फीस बढ़ाने की मंजूरी दी गई थी. जानकारों ने इस फैसले के बाद पंजाब में मेडिकल फीस के मामले में पूरे देश में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी बताई थी.
जानकारों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के अनुसार सरकार 15 फीसदी से ज्यादा फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकती. अभी पंजाब में निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की मौजूदा फीस 4.40 लाख से बढ़कर 7.80 लाख रुपये हो जाएगी. इस बढ़ोतरी के बाद प्राइवेट कॉलेजों में सरकारी कोटे के तहत फीस 18 लाख रुपये, जबकि मैनेजमेंट कोटे के तहत फीस 47 लाख हो सकती है, जो फिलहाल क्रमश: 13.5 व 40.2 लाख है.
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस साल 2015 में और निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए साल 2014 में नोटिफाई की गई थी. मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के नियमों को पूरा करने में असमर्थ मेडिकल कॉलेज इस वजह से फीस बढ़ाने की मांग कर रह थे.
कोरोना के कारण भी राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज NRI उम्मीदवारों की कमी का सामना कर रहे हैं. पंजाब के सभी नौ मेडिकल कॉलेजों में 160 एनआरआई कोटे की एमबीबीएस सीटें हैं, बीएफयूएचएस ने 129 रिक्त सीटें घोषित की हैं. यहां DMC लुधियाना है, जिसमें न्यूनतम (5) NRI सीटें खाली हैं. फरीदकोट, पटियाला, अमृतसर में रिक्त NRI कोटा सीटों की संख्या क्रमशः 19, 13 और 13 है.
बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर के अनुसार का कहना है कि इस साल कुछ पर्सेन्ट फीस में बढ़ोतरी जरूर की गई है मगर हर साल काउंसलिंग के पहले चरण में सीटें खाली रह जाती हैं और आगे के चार चरणों में काउंसलिंग के बाद सीटें भर जाती है. पैसे के कारण कोई सीट खाली नहीं रहती है.
इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू ने कहा कि मेडिकल शिक्षा में सुधार के लिए कई तरह के बदलाव किए गए हैं और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए काफी पैसे की जरूरत है जिसके चलते फीस में बढ़ोतरी की गई है लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि इसकी वजह से छात्रों ने अपनी सीटें छोड़ी और अभी काउंसलिंग लगातार जारी है.
ये भी पढ़ें-