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फर्जी वेबसाइट बनाकर बेरोजगारों से कर रहे थे ठगी... गोरखपुर से मास्टरमाइंड गिरफ्तार, QR कोड से लेते थे पैसे

हरियाणा में सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को निशाना बनाकर ठगी करने वाले एक हाईटेक साइबर गैंग का पर्दाफाश हुआ है. फर्जी HSSC वेबसाइट बनाकर बेरोजगारों से पैसे वसूलने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड को हरियाणा पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी वेबसाइट को सरकारी पोर्टल जैसा दिखाकर CET 2025 रजिस्ट्रेशन के नाम पर युवाओं से QR कोड के जरिए रकम वसूल रहे थे.

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फर्जी वेबसाइट बनाकर कर रहे थे ठगी. (Representational image)
फर्जी वेबसाइट बनाकर कर रहे थे ठगी. (Representational image)

हरियाणा में नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को झांसा देकर ठगी करने वाले साइबर गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है. हरियाणा पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार किया है. यह गिरोह एक फर्जी वेबसाइट बनाकर हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन (HSSC) की CET 2025 परीक्षा में रजिस्ट्रेशन के नाम पर युवाओं से पैसे वसूल रहा था.

गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी ने एक फर्जी वेबसाइट तैयार की थी, जो HSSC की आधिकारिक वेबसाइट जैसी दिखती थी. वेबसाइट को एक थर्ड पार्टी डोमेन पर होस्ट किया गया था और वहां पर QR कोड के जरिए फॉर्म फीस के रूप में रुपये वसूले जा रहे थे. इस वेबसाइट को Google सर्च में भी रैंक कराया गया था, ताकि अधिक से अधिक बेरोजगार युवा उसके झांसे में आएं.

अधिकारिक बयान के मुताबिक, गिरोह ने अब तक लगभग 77 उम्मीदवारों से करीब 22,530 की ठगी की है. यह रकम हर उम्मीदवार से 200 से 500 के बीच वसूली गई थी. जैसे ही HSSC को इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली, उन्होंने पंचकूला के सेक्टर-5 थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद फर्जी वेबसाइट को Google से हटवा दिया गया और QR कोड भी निष्क्रिय कर दिया गया.

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गिरोह से जुड़े छह लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनमें चार आरोपी गोरखपुर से, एक कुरुक्षेत्र और एक फतेहाबाद से पकड़ा गया है. गोरखपुर से पकड़ा गया आरोपी इस पूरे साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड है. पुलिस की यह कार्रवाई हरियाणा के गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा की निगरानी में हुई.

इस पूरे मामले की जांच का नेतृत्व कर रहीं पंचकूला डीसीपी सृष्टि गुप्ता ने कहा कि हम सभी उम्मीदवारों को सलाह देते हैं कि वे केवल 'gov.in' डोमेन वाली आधिकारिक वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें और QR कोड या UPI आईडी के माध्यम से किसी भी तरह की फीस का भुगतान न करें.

उन्होंने कहा कि अगर किसी उम्मीदवार को कोई संदिग्ध लिंक या पेमेंट रिक्वेस्ट मिले, तो वह तुरंत नजदीकी पुलिस थाने या साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें. युवाओं की उम्मीदों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

पुलिस आयुक्त शिवश कबीराज के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है और फिलहाल पूरे नेटवर्क की तह तक पहुंचने के लिए साइबर सेल और तकनीकी टीम मिलकर जांच कर रही है. पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस गिरोह ने अन्य राज्यों में भी इस तरह की वेबसाइटों के जरिए ठगी की है.

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