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जयपुर से 400 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश... MBA डिग्रीधारी मास्टरमाइंड समेत तीन गिरफ्तार

राजस्थान के भरतपुर में साइबर क्राइम का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें एक फिनटेक कंपनी से जुड़े तीन लोगों को 400 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गैंग फर्जी स्टॉक मार्केट निवेश का झांसा देकर लोगों से पैसे ठगता था और उन्हें फर्जी लिंक भेजकर उनके खातों से रकम उड़ा लेता था.

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साइबर ठगी का पर्दाफाश. (Representational image)
साइबर ठगी का पर्दाफाश. (Representational image)

राजस्थान के भरतपुर में 400 करोड़ रुपये के साइबर फ्रॉड का सनसनीखेज मामला सामने आया है. फिनटेक कंपनी की आड़ में लोगों को शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह गैंग फर्जी लिंक भेजकर हजारों लोगों के खातों से करोड़ों रुपये उड़ा चुका है, और ठगी की कुल रकम 1000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है.

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एजेंसी के अनुसार, भरतपुर रेंज के आईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 54 वर्षीय रवींद्र सिंह, 49 वर्षीय दिनेश सिंह और उनकी पत्नी कुमकुम के रूप में हुई है. यह सभी एक फिनटेक कंपनी से जुड़े हुए हैं और पिछले चार महीनों में लोगों को स्टॉक मार्केट में निवेश का झांसा देकर ठगी कर रहे थे.

पूरा मामला उस वक्त सामने आया, जब धौलपुर साइबर थाना में हरी सिंह नामक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई. जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता से लिए गए 35 लाख रुपये चार अलग-अलग कंपनियों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं- इनमें Rukanek Enterprises Pvt Ltd, Selva Krishna IT Solution Pvt Ltd, SKRC Infotech Pvt Ltd और Nityashree Main Power and Contract Works शामिल हैं.

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राज्य साइबर अपराध निदेशक हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि यह गिरोह फर्जी लिंक भेजकर लोगों को निवेश के नाम पर लुभाता था और फिर उनके बैंक खातों से बड़ी रकम निकाल लेता था. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इन कंपनियों के खातों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी हो चुकी है, और यह आंकड़ा 1,000 करोड़ रुपये तक भी पहुंच सकता है.

इस बैंक के खिलाफ पहले ही करीब 3,000 साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज थीं, जो अब बढ़कर 4,000 से ज्यादा हो चुकी हैं. पुलिस को शक है कि रवींद्र सिंह इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड है, जिसके पास एमबीए की डिग्री है. उसका भतीजा शशिकांत सिंह तकनीकी सहायता देता था और वह अब भी फरार बताया जा रहा है. पुलिस गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और जांच लगातार जारी है.

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