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Coldrif सिरप को पंजाब में किया गया बैन, MP में बच्चों की मौत के बाद सख्त एक्शन

पंजाब के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने आदेश में कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार की ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्री ने इस सिरप में diethylene glycol पाया है, इसलिए पंजाब में इस सिरप की बिक्री और इस्तेमाल पर पूरी तरीके से प्रतिबंध लगाया जाता है.

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छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद पंजाब की कार्रवाई.(File Photo:ITG)
छिंदवाड़ा कफ सिरप कांड के बाद पंजाब की कार्रवाई.(File Photo:ITG)

पंजाब सरकार ने कोल्ड्रिफ कफ सिरप पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. पंजाब के खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की ड्रग टेस्टिंग लैबोरेट्री ने इस सिरप में डाई इथीलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया है, जो विषैला रसायन है. मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कुछ बच्चों की मौत का कारण इसी सिरप को माना जा रहा है. 

पंजाब सरकार के आदेश में स्पष्ट किया गया कि इस सिरप को 'नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी' घोषित किया गया है और पंजाब में इसकी बिक्री, उपयोग और वितरण पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है.

इस बीच, कई राज्यों में जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. वकील विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की है, जिसमें इस मामले की गहन जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराने की मांग की गई है. 

याचिका में जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से कराने, डाई इथीलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की बिक्री व निगरानी के सख्त नियम बनाने, विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को एक जगह ट्रांसफर कर जांच कराने, विषैले सिरप बनाने वाली कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने, उनकी तत्काल बंदी और उत्पादों को बाजार से वापस मंगाने की व्यवस्था करने, साथ ही ड्रग रिकॉल पॉलिसी बनाने की मांग की गई है.

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याचिका में कहा गया कि यह मामला केवल कुछ कंपनियों की गलती का नहीं, बल्कि देश की ड्रग रेगुलेटरी सिस्टम की विफलता का है, जिसकी वजह से कई राज्यों में मासूमों की जान गई है.

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