एनसीईआरटी की इतिहास की किताबों में बदलाव पर देश में बड़ी बहस छिड़ गई है. विपक्ष इसे 'भगवाकरण' और युवाओं के दिमाग में 'जहर' भरने का आरोप लगा रहा है. सत्ता पक्ष का कहना है कि यह 'स्वर्णिम युग' है और 'गुलामी की मानसिकता' को दूर कर सही इतिहास पढ़ाया जा रहा है. उनका तर्क है कि आक्रांताओं का महिमामंडन नहीं होना चाहिए, जिन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन कराए और हत्याएं कीं.