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बिहार: इस बंगले में रहने वाले 3 मंत्रियों को देना पड़ा इस्तीफा, मुकेश सहनी अगले शिकार तो नहीं?

Bihar Political Drama: 2020 में बिहार के विधासभा चुनाव के दौरान सहनी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सहनी ने इनमें से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी.

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मुकेश सहनी (File Photo)
मुकेश सहनी (File Photo)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मंजू वर्मा, आलोक मेहता और अवधेश कुमार को भी देना पड़ा था इस्तीफा
  • सहने ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था

Bihar Political Drama: बिहार सरकार में पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी (Mukesh Sahani) ऐसे चौथे मंत्री हो सकते हैं, जो पटना के 6, स्ट्रैंड रोड बंगले में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं. बुधवार को मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party) के 3 विधायक राजू सिंह, स्वर्णा सिंह और मिश्री लाल यादव पार्टी छोड़कर BJP में शामिल हो गए. इस घटना के बाद मुकेश सहनी के राजनीतिक भविष्य को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं.

VIP के तीनों विधायकों के BJP में शामिल होने के साथ ही भाजपा ने मंत्री पद से सहनी का इस्तीफा मांग लिया है. दरअसल, पिछले कुछ सालों के इतिहास पर नजर डालें तो बिहार सरकार का जो भी मंत्री 6, स्ट्रैंड रोड बंगले में रहता है. वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाता. उसे किसी न किसी वजह से मंत्री पद से हाथ धोना पड़ता है.

मुकेश सहनी के 6, स्ट्रैंड रोड बंगले में रहने से पहले इस बंगले में पिछली सरकार में मंत्री मंजू वर्मा रहती थीं. 2018 में मंजू वर्मा के पति का नाम मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में आ गया था. इसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. मंजू वर्मा से पहले इस बंगले में महागठबंधन सरकार में मंत्री रहे राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) के नेता आलोक मेहता रहते थे. लेकिन 2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने RJD से गठबंधन तोड़कर BJP के साथ सरकार बना ली थी. इसके बाद आलोक मेहता भी मंत्री के तौर पर अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए थे.

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अवधेश कुशवाहा को भी छोड़ना पड़ा था पद

आलोक मेहता से पहले 2015 में JDU नेता और तत्कालीन आबकारी विभाग मंत्री अवधेश कुशवाहा 6, स्ट्रैंड रोड बंगले में रहते थे. लेकिन एक स्टिंग ऑपरेशन में पैसे लेते हुए दिखने के बाद उन्हें भी नीतीश सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था. 6, स्ट्रैंड रोड बंगले के साथ जो इतिहास जुड़ा हुआ है, इसके बाद अब सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मुकेश सहनी के साथ भी यह घटना दोहराएगी?. क्या सहनी भी ऐसे मंत्री बनेंगे, जो इस बंगले में रहते हुए अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएंगे?

सहनी की पार्टी ने 4 सीटों पर दर्ज की थी जीत

बता दें कि 2020 में बिहार के विधासभा चुनाव के दौरान सहनी ने भाजपा के साथ गठबंधन कर 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सहनी ने इनमें से 4 सीटों पर जीत हासिल की थी. अब BJP मुकेश सहनी को NDA से बाहर करने का मूड बना चुकी है. सहनी से इस्तीफा भी मांगा जा रहा है.

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