
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में 2021-22 का बजट पेश किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को ईज ऑफ लिविंग पर जोर देने वाला करार दिया. लेकिन कांग्रेस ने बजट को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं. पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने रक्षा पर खर्च का कोई जिक्र नहीं किया है.
पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री ने स्वास्थ के आंकड़े दिए उसमें वैक्सीन का खर्चा जोड़ा और फाइनेंस कमीशन की ग्रांट भी जोड़ दी. पेज 10 पर बजट ग्लान्स में अलग आंकड़े हैं जिससे साफ है खर्च कम हुआ है. रक्षा और स्वास्थ्य बजट में कोई कमी नहीं आनी चाहिए थी. हमने पहले ही कहा था.
कांग्रेस ने कहा कि चुनावी राज्यों के लिए बड़े बड़े ऐलान किये गये हैं पर लोग बेवकूफ नहीं हैं. उनको पता है कि ये सिर्फ ऐलान है और इनको लागू करने में सालों लग जाएंगे. इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है. पिछले बजट की ही तरह इसकी भी पोल जल्द खुलेगी. टैक्स रिलीज़ की बात करें तो इससे मिडल क्लास को कोई फायदा नहीं मिलेगा. सिर्फ अमीरों को लाभ मिलेगा.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ये धोखे वाला बजट है. इस बजट ने गरीब को धोखा दिया, नौकरी-पेशा लोगों को धोखा दिया. उन सांसदों को भी धोखा दिया जो वित्त मंत्री के बजट भाषण को सुन रहे थे. डिफेंस बजट में एक फूटी कौड़ी भी नहीं बढ़ाई गई है. चीन से तनाव चल रहा है लेकिन बजट में रक्षा को लेकर कोई चर्चा नहीं की गई.
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रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खेती बजट 6 प्रतिशत काटा है. यह सबसे बड़ा धोखा है. भूखे हाथी को एक मुट्ठी घास की दे दी जाए तो क्या होगा. ये बजट हर पायदान पर औंधे मुंह गिरा है. पैरा 141 में वित्तीय घाटा और राजकोषीय घाटा का ज़िक्र आया. वहीं उसको छिपाने की कोशिश हो रही है. लेकिन ब्लूमबर्ग ने इससे पहले ही नबंर रिलीज कर दिया है. ये कैसे हुआ?

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार के बजट में एयरपोर्ट से लेकर रेल, गोदाम से लेकर बंदरगाह, सड़क से लेकर रेल, बिजली ट्रांसमिशन लाइन से लेकर BHEL तक सब सरकारी संपत्ति बेच डालेंगे. इसीलिए तो बेच खाएंगे सब कुछ, नही छोड़ेंगे अब कुछ.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रकार राजकोषीय और वित्तीय घाटा साढ़े नौ से दस प्रतिशत तक पहुंच गया है, ये निवेशकों और देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक खतरे की बड़ी घंटी है. सरकारी खर्चे में एक पैसे की भी बढ़ोतरी न करना इस सरकार की मिसप्लेस प्राथमिकता को दर्शाता है.
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि सबसे बड़ा धोखा खेती के साथ किया गया, खेती का बजट लगभग 6 फीसदी काट दिया गया. मार्केट इंटरवेंशन स्कीम को 2000 करोड़ से 15000 करोड़ कर दिया गया. और पीएम किसान योजना जिसकी बार बार चर्चा की जाती है, उसमें 13 प्रतिशत की कटौती कर दी गई है. लघु और छोटे उद्योगों को बड़ा झटका देते हुए मात्र 15,700 करोड़ रुपये की घोषणा हुई, ये ऐसे ही है जैसे आपने फरमाया (चिदंबरम की तरफ इशारा करते हुए), जैसे एक भूखे हाथी को उसके पेट की आग बुझाने के लिए एक मुट्ठी घास दे दी जाए.