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तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए 22 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की जारी

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 16 फरवरी को होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को 22 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि सोमवार को है और अगले दिन कागजातों और संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख दो फरवरी है. वोटों की गिनती दो मार्च को होगी.

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प्रतीकात्मक
प्रतीकात्मक

तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 16 फरवरी को होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को 22 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की. इन उम्मीदवारों में से दो महिलाएं हैं, जबकि पार्टी ने अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीटों पर 6 और अनुसूचित जाति आरक्षित सीटों पर दो उम्मीदवार उतारे हैं. तृणमूल के त्रिपुरा राज्य अध्यक्ष पीयूष कांति बिस्वास ने कहा कि उनकी पार्टी सत्तारूढ़ भाजपा को हराने के लिए अगले महीने होने वाले चुनावों से पहले सभी प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि हमारा एक ही मकसद है भाजपा को हराना.

नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि सोमवार
नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि सोमवार को है और अगले दिन कागजातों और संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख दो फरवरी है. वोटों की गिनती दो मार्च को होगी.

60 सीटों पर 16 फरवरी को मतदान
पार्टी ने ट्विटर पर उम्मीदवारों की लिस्ट पोस्ट की और लिखा, 'पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा के तहत अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (AITC) को त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली लिस्ट की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है. त्रिपुरा में विधानसभा की 60 सीटों पर 16 फरवरी को मतदान होगा.

सोमवार सुबह दूसरी लिस्ट हो सकती है जारी
पार्टी की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव और राज्य पार्टी प्रभारी राजीब बनर्जी के साथ बिस्वास ने कहा कि पार्टी रविवार रात या सोमवार सुबह दूसरी लिस्ट जारी कर सकती है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी 6 और 7 फरवरी को चुनावी रैलियों और सभाओं को संबोधित करने के लिए राज्य का दौरा करेंगी.

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पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और बंगाल के कई नेता और फिल्म अभिनेता राज्य भर में चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे.

वकील से राजनेता बने बिस्वास ने कहा कि अगर चुनाव के बाद तृणमूल सत्ता में आती है, तो यह पर्याप्त राहत की बात होगी और उन 14 लाख लोगों को उनका पैसा लौटा देगी, जिन्होंने विभिन्न चिट फंड (पोंजी योजनाओं) में पैसा जमा किया था.

उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2018 में सत्ता में आने से पहले आश्वासन दिया था कि वे चिट फंड में 14 लाख जमाकर्ताओं की मदद करेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया, यहां तक कि भाजपा सरकार ने चिटफंड कंपनियों की संपत्ति और भवनों का भी उपयोग किया.
 

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