तमिलनाडु में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम के तहत पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक एस रामदास ने अपने बेटे अंबुमणि रामदास को पार्टी के अध्यक्ष पद से हटा दिया है. एस रामदास अब खुद पीएमके की कमान संभालेंगे. उन्होंने गुरुवार को विल्लूपुरम जिले के थाइलापुरम स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए इस बात का ऐलान किया.
एस रामदास ने कहा कि पीएमके का संस्थापक होने के नाते यह फैसला लिया है कि पार्टी अध्यक्ष का पद भी खुद संभालेंगे. पीएमके संस्थापक ने अंबुमणि रामदास की भावी भूमिका भी स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि अंबुमणि, जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया है, वह कार्यकारी अध्यक्ष होंगे. एस रामदास के इस ऐलान को अंबुमणि के साथ उनके रिश्तों में आई तल्खी से भी जोड़कर देखा जा रहा है.
गौरतलब है कि एस रामदास और अंबुमणि रामदास के बीच मतभेद पिछले साल दिसंबर महीने में पुडुचेरी में पीएमके परिषद की बैठक में खुलकर सामने आ गया था. पिता-पुत्र के बीच मतभेद की वजह पार्टी का भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर बढ़ता झुकाव बताया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक एस रामदास इससे असहज थे और अंबुमणि को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे थे.
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एस रामदास चाहते थे कि पीएमके वन्नियार अधिकारों के मूल मिशन पर लौटे. एस रामदास भविष्य में द्रविड़ पार्टियों के साथ गठबंधन के पक्ष में बताए जाते हैं. बता दें कि वन्नियार पीएमके का बेस वोट बैंक है जिसे उत्तरी और मध्य तमिलनाडु में प्रभावशाली माना जाता है. पीएमके की बात करें तो 1989 में स्थापना के बाद से ही इस पार्टी का वोट शेयर पांच फीसदी के आसपास स्थिर रहा है.
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पीएमके तमिलनाडु की राजनीति में दोनों ही प्रमुख पार्टियों एआईएडीएमके और डीएमके के साथ गठबंधन में रही है. फिलहाल, पीएमके राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में है.