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स्पीकर ओम बिड़ला बोले- संसद भवन निर्माण पॉल्यूशन की वजह नहीं

लोकसभा स्पीकर ने प्रदूषण के मामले में कहा कि संसद भवन के निर्माण में प्रदूषण (pollution) के पूरे नियमों का पालन किया जा है. इससे प्रदूषण नहीं बढ़ रहा है, क्योंकि मानकों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं.

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लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (फाइल फोटो)
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1921 में शिमला में पहली बार हुआ था सम्मेलन
  • इस बार पीएम मोदी करेंगे सम्मेलन का शुभारंभ
  • 82वें सम्मेलन में किया जाएगा कई मुद्दों पर मंथन

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि 1921 में पहली बार शिमला में विधानसभा के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हुआ था. अब 100 साल बाद शिमला में विधानसभा के पीठासीन अधिकारियों का 82वां सम्मेलन होगा. इस दौरान उन्होंने संसद भवन के निर्माण को लेकर प्रदूषण और पंडित नेहरू की जयंती पर सेंट्रल हॉल में होने वाले कार्यक्रम में दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों के मौजूद ना होने पर कांग्रेस द्वारा किए गए उठाए गए सवाल का भी जवाब दिया.

लोकसभा स्पीकर ने प्रदूषण के मामले में कहा कि संसद भवन के निर्माण में प्रदूषण (pollution) के पूरे नियमों का पालन किया जा है. इससे प्रदूषण नहीं बढ़ रहा है, क्योंकि मानकों को ध्यान में रखकर काम कर रहे हैं. 

ओम बिड़ला ने पंडित नेहरू की जयंती पर सेंट्रल हॉल में होने वाले कार्यक्रम में दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों के मौजूद ना होने पर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि बिना जानकारी ट्वीट करना गलत बात है. पूरी जानकारी के साथ ही आरोप लगाने चाहिए. 2019 और 2020 में मैं खुद मौजूद था.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि सम्मेलन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. इसमें दल-बदल कानून पर भी चर्चा होगी. हम सभी सरकारों को सुझाव देंगे कि दल-बदल कानून में जरूरी बदलाव के साथ नया कानून लेकर आएं.

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बैठक में बनेगी अगले 100 साल की योजना

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि हम चाहते हैं कि सभी राज्यों की विधानसभाओं की पुरानी कार्यवाही को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाएं, ताकि नए सदस्यों को इसका फायदा मिल सके. इस बार की बैठक में हम अगले 100 वर्ष की योजना बनाएंगे और अगले सत्र में इन कार्यक्रमों पर अमल करने की योजना को अमलीजामा पहनाएंगे. इस योजना पर काम करने के लिए हम दुनियाभर के संसदों की एक्सपर्ट सलाह लेंगे. 

अभी तक के फैसलों का स्टेटस जानेंगे

उन्होंने कहा कि इन सम्मेलनों में अभी तक जो निर्णय लिए गए हैं, उनका स्टेटस क्या है, उन्हें कैसे लागू कर सकते हैं. इन विषयों पर चर्चा होगी. साथ ही पीठासीन अधिकारियों की भूमिका और जन भागीदारी कार्यक्रम में उनके योगदान पर भी बातचीत होगी. ओम बिड़ला ने कहा कि साल 2001 में एक बैठक में सदनों में अनुशासन और शालीनता को लेकर चर्चा हुई थी, तब दल-बदल कानून भी बना था. सदन की कार्यवाही का सीधा प्रसारण (live) भी इसी सम्मेलन का परिणाम है.

पंडित नेहरू जयंती को लेकर ये था विवाद

14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) की जयंती पर हर साल संसद के सेंट्रल हॉल में उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करने की परंपरा रही है. ऐसे में कांग्रेस (Congress) ने इस अवसर पर राज्यसभा अध्यक्ष, लोकसभा अध्यक्ष और मंत्रियों की अनुपस्थिति को लेकर सरकार पर निशाना साधा. 

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ट्वीट पर कहा था "इससे बुरा कुछ नहीं"

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्विटर पर नाराज़गी ज़ाहिर की. उन्होंने लिखा- 'आज संसद के सेंट्रल हॉल में जिनकी तस्वीर लगी है, उनके लिए आयोजित पारंपरिक समारोह में असाधारण दृश्य देखने को मिला.  लोकसभा स्पीकर अनुपस्थित थे. राज्यसभा के चेयरमैन अनुपस्थित थे. एक भी मंत्री मौजूद नहीं था. क्या इससे भी बुरा कुछ हो सकता है?'

 

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