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मणिपुर पर संसद में हंगामा, विपक्ष ने की नारेबाजी, कांग्रेस बोली- संसदीय परंपराएं तोड़ रही सरकार

विपक्षी सांसदों ने शुक्रवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 1978 का उदाहरण देते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को जिस दिन स्वीकार किया जाता है, उसी दिन उस पर चर्चा होती है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार अध्यक्ष द्वारा तय किए गए दिन और समय पर बहस के लिए तैयार है.

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मणिपुर मुद्दे पर सदन में हंगामा जारी (फाइल फोटो- पीटीआई)
मणिपुर मुद्दे पर सदन में हंगामा जारी (फाइल फोटो- पीटीआई)

संसद के मॉनसून सत्र का 7वां दिन है. मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में हंगामा जारी है. लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान देने की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी. इसके बाद लोकसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई. उधर, कांग्रेस का कहना है कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करने के बजाय विधेयकों को पारित करके संसदीय परंपराओं को तोड़ रही है. 

इससे पहले शुक्रवार को विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के चेंबर में विपक्षी गठबंधन INDIA के सांसदों की बैठक हुई. बैठक में मणिपुर मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति पर चर्चा हुई. इसके बाद विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन भी किया. 

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग

विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर तुरंत चर्चा की मांग की. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 1978 का उदाहरण देते हुए कहा कि अविश्वास प्रस्ताव को जिस दिन स्वीकार किया जाता है, उसी दिन उस पर चर्चा होती है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार अध्यक्ष द्वारा तय किए गए दिन और समय पर बहस के लिए तैयार है. नियमों के मुताबिक, इसकी समयसीमा 10 दिन की है. 

विपक्ष मणिपुर पर लाया अविश्वास प्रस्ताव

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दरअसल, मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है. यहां अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों सदनों में संग्राम छिड़ा हुआ है. विपक्ष की मांग है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के साथ विस्तृत चर्चा हो. जबकि सरकार गृह मंत्री अमित शाह के बयान के साथ चर्चा कराना चाहता है.

ऐसे में बुधवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगाई ने लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. इसे स्पीकर ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है. हालांकि, इस पर चर्चा के लिए अगले हफ्ते का समय तय किया गया है. लेकिन विपक्ष इस पर तुरंत चर्चा की मांग कर रहा है. 

क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव? 

मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में ये साफ है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला रहा है? 

दरअसल, विपक्षी पार्टियों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के मामले पर सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. यही वजह है कि सभी विपक्षी पार्टियां यह जानती हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं है. बावजूद इसके यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया जा रहा है. 

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लोकसभा और राज्यसभा में कौन कितना ताकतवर? 

लोकसभा में मोदी सरकार बहुमत में है. बीजेपी के पास 301 सांसद हैं. एनडीए के पास 333 सांसद हैं. वहीं पूरे विपक्ष के पास कुल 142 सांसद हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के हैं. 

वहीं, राज्यसभा की बात करें तो एनडीए गठबंधन के पास 105 सांसद हैं. जबकि I.N.D.I.A गठबंधन के पास 93 सांसद हैं.

 

 

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