संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन, लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद हंगामा करने लगे, जिसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हो गए. उन्होंने सदन में अपनी नाराजगी ज़ाहिर की और तख्तियां लाने वाले सदस्यों को हिदायत भी दी.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला जैसे ही सदन में पहुंचे, विपक्षी सासंद शोर मचाने लगे. सदन में हंगामा देखकर स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए. उन्होंने विपक्ष के सदस्यों को खरी-खरी सुना दी. स्पीकर ओम बिरला ने कहा- 'प्रश्नकाल आप सबका है, क्या आप प्रश्न काल नहीं चलाने देना चाहते? प्रश्नकाल जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आप रोज हंगामा करते हैं. आप प्रश्नकाल के बाद विषय उठाया करें. अच्छी परंपरा डालें, ये सब मैं आप सबके लिए ही कर रहा हूं.'
उन्होंने आगे कहा कि प्रश्नकाल आपका समय रहता है. सरकार से सवाल करने का आपको अधिकार है. क्या आप इन अधिकारों से खुद वंचित होना चाहते हैं? उन्होंने तख्तियां लाने वाले सदस्यों को हिदायत देते हुए कहा कि 'सदन में तख्तियां लेकर न आया करें, ये मैं पहले भी बता चुका हूं, तख्तियां लाना छोड़ दें.'
आपको बता दें कि विपक्ष भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प पर संसद में चर्चा करना चाहता है. कल रक्षामंत्री ने 9 दिसंबर 2022 को हुई तवांग सेक्टर में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प पर लोकसभा में बयान दिया था. तब से ही विपक्ष इसपर चर्चा चाह रहा है. आज सुबह संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले भारत-चीन विवाद और अन्य मुद्दों पर संयुक्त रणनीति बनाने के लिए, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने विपक्षी नेताओं के साथ बैठक की थी. तवांग सेक्टर में चीन के साथ झड़प पर ही कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस भी दिया था.
आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को पीएलए ट्रूप्स ने यांग्से एरिया में LAC पर अतिक्रमण कर स्टेटस को एकतरफा बदलने का प्रयास किया था. चीन की इस कोशिश का हमारी सेना ने दृढ़ता के साथ सामना किया और इस फेसऑफ में हाथा-पाई भी हुई. सेना ने बहादुरी से पीएलए को भारत के इलाके में अतिक्रमण करने से रोका और उन्हें खदेड़ दिया. इस झगड़े में दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं.
(इनपुट- जीतेंद्र)