
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (RSS Chief Mohan Bhagwat) रविवार को दो दिन के दरभंगा दौरे पर आए थे. सोमवार को दरभंगा में ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी कैंपस में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम में विश्विवद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हुए थे. साथ ही उन्हें आरएसएस के नियम कायदों का पालन करते भी देखा गया.
अब AIMIM कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी के कुलपति पर हमला बोला है. सवाल उठाया गया है कि क्या ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में अब नफरत की पाठशाला चलेगी और इस नफरत की पाठशाला में कुलपति भी क्लास लेने जाते हैं. आरएसएस विचारधारा के विपरीत सोच रखने वाले छात्रों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?
दरअसल, मोहन भागवत के कार्यक्रम में यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर सुरेंद्र प्रताप सिंह के शामिल होने पर AIMIM के सदस्य नजरे आलम ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, ''मोहन भागवत कहते हैं कि वह मोहब्बत की पाठशाला चलाते हैं, लेकिन दरभंगा के शिक्षण संस्था में आकर मोहन भागवत नफरत की पाठशाला चला रहे हैं. यूनिवर्सिटी के कुलपति भी इस नफरत की पाठशाला में क्लास लेते दिखाई दिए हैं.''
आलम ने आगे कहा, ''यूनिवर्सिटी के कुलपति ही आरएसएस के कार्यक्रम में जाते हैं, तो यहां की शिक्षण व्यवस्था का क्या हाल होगा?'' साथ ही सवाल पूछा कि उन छात्रों का क्या होगा, जो आरएसएस की विचारधारा के विपरीत हैं?
बिहार सरकार से पूछे सवाल
यूनिवर्सिटी कुलपति के आरएसएस कार्यक्रम में शामिल होने पर एआईएमआईएम सदस्य नजरे आलम ने बिहार सरकार से सवाल किया है. आलम ने सरकार से पूछा है कि क्या ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय में आरएसएस की पाठशाला चलेगी?
साथ ही आलम ने कहा है कि हम बिहार और मिथिलांचल में ऐसा नहीं होने देंगे. हमने बिहार सीएम से मिथिला विश्विद्यालय को बचाने की मांग की है. साथ ही कुलपति की बर्खास्तगी की मांग करते हुए नागपुर भेजने की बात कही है. यह भी कहा है कि ऐसे कुलपति से देश को नुकसान भी होगा, जो किसी खास विचारधारा को मानते हैं.