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पर्यावरण पर काम करते करते राजनीति में कैसे आ गई दिशा रवि की संस्था 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर'

सितंबर 2019 में FFF ने भारत के कई शहरों में मार्च निकाला और जलवायु परिवर्तन पर लोगों को संदेश देने की कोशिश की. दिशा रवि के होम टाउन बेंगलुरु में इसके अभियान को ज्यादा सफलता मिली हजारों युवा इसमें शामिल हुए. 

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बेंगलुरु में दिशा रवि के समर्थन में प्रदर्शन (फोटो- पीटीआई)
बेंगलुरु में दिशा रवि के समर्थन में प्रदर्शन (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पर्यावरण के मुद्दों पर काम करती हैं 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर'
  • CAA और NRC के खिलाफ भी किया प्रदर्शन
  • ऑरे कॉलोनी में प्रदर्शन में लिया हिस्सा

टूल किट मामले में गिरफ्तार दिशा रवि बेंगलुरु में पर्यावरण से जुड़े मुद्दे पर काम करती हैं. दिशा ने जिस संस्था को बनाया है उसका नाम है 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर'. हम आपको बताते हैं कि पर्यावरण जलवायु से जुड़े मुद्दों पर काम करने वाली ये संस्था राजनीति में कैसे आ गई?

जुलाई 2020 में दिल्ली पुलिस ने तीन पर्यावरण समूहों की वेबसाइट को बंद करा दिया और उनके खिलाफ UAPA की धाराओं के तहत एक्शन लेने की धमकी दी. बता दें कि गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA) में देश और देश के बाहर गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं. 

इन तीन वेबसाइटों में एक था फ्राइडे फॉर फ्यूचर (FFF) का इंडिया चैप्टर. दिशा रवि इस संस्था की सह संस्थापक है और इस वक्त पुलिस कस्टडी में है. तब FFF इंडिया पर्यावरण मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए पर्यावरण प्रभाव आकलन अधिसूचना का विरोध कर रहा था. 

इस अधिसूचना में परियोजनाओं पर सार्वजनिक परामर्श को कम करने और पर्यावरणीय मंजूरी देने का प्रस्ताव था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने धमकी देने के बाद नरमी दिखाई और इनके खिलाफ जारी प्रतिबंध को वापस कर लिया. इसके बाद FFF की वेबसाइट अगले ही दिन से पहले की तरह काम करने लगी. हालांकि पुलिस के इस एक्शन के बाद ये स्पष्ट हो गया था कि FFF की गतिविधियां देश की एजेंसियों के रडार में आ गई थी.

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बता दें कि स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग द्वारा 2018 में शुरू किए गए FFF छात्रों को हर शुक्रवार को हड़ताल करने और विरोध प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करता है ताकि देश की सरकारें जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से ले.  

इस संगठन का इंडिया चैप्टर एक साल बाद यानी कि 2019 में शुरू किया गया था कि इसका भारत के कई बड़े शहरों में मौजूदगी है और इसके 150 से ज्यादा फुलटाइम वॉलंटियर्स हैं.  

सितंबर 2019 में FFF ने भारत के कई शहरों में मार्च निकाला और जलवायु परिवर्तन पर लोगों को संदेश देने की कोशिश की. दिशा रवि के होम टाउन बेंगलुरु में इसके अभियान को ज्यादा सफलता मिली हजारों युवा इसमें शामिल हुए. 
 
हालांकि शुरुआत में इस संस्था ने अपनी शुरुआत जलवायु के मुद्दे पर काम करने वाली एक संस्था के रूप में की थी, लेकिन एक वॉलंटियर्स जल्द ही राजनीतिक बयान देने लगे. FFF ने CAA और NRC के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया और हाल ही में किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुआ. 

 

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