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'अविश्वास' पर उठा भरोसे का सवाल, प्रस्ताव पर हुड्डा के साइन नहीं दिखे तो CM सैनी बोले, 'कांग्रेस खुद कन्फ्यूज'

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठाया जिससे सदन में भरोसे और नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े हो गए. सीएम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के भीतर भरोसे की कमी है. कांग्रेस ने आपत्ति जताई, लेकिन सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं. इस विवाद के बीच सियासी पारा गरमाया और सदन में बहस का माहौल बना.

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हरियाणा सरकार ने योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट बनाई है. (File Photo: PTI)
हरियाणा सरकार ने योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट बनाई है. (File Photo: PTI)

हरियाणा विधानसभा में शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर सियासी पारा अचानक चढ़ गया. सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक उस वक्त शुरू हुई, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस पर विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर न होने का मुद्दा उठा दिया. इसके बाद सदन में भरोसे, नेतृत्व और मंशा को लेकर सवालों की बौछार शुरू हो गई.

CM सैनी का दावा: नोटिस में नहीं दिखे विपक्ष के नेता के साइन

सीएम नायब सिंह सैनी ने सदन में कहा कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को बेहद ध्यान से पढ़ा, लेकिन उसमें कहीं भी विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हस्ताक्षर नहीं मिले. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने अपनी ऐनक साफ कर दोबारा भी देखा, लेकिन साइन फिर भी नजर नहीं आए.

‘मैं हुड्डा को नेता मानता हूं, मगर कांग्रेस शायद नहीं’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा को विपक्ष का नेता मानते हैं और यह बात वह सदन में पहले भी कह चुके हैं. लेकिन जिस तरह से नोटिस पर उनके साइन नहीं हैं, उससे यही लगता है कि कांग्रेस पार्टी के भीतर ही उन पर भरोसे की कमी है.

सुबह सौहार्द, दो घंटे में अविश्वास!

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सीएम सैनी ने सदन में बीते दिन की कार्यवाही का जिक्र करते हुए कहा कि गुरुवार को 12:20 से 12:35 के बीच सत्ता और विपक्ष के बीच एक सकारात्मक और भावनात्मक संवाद हुआ था. उन्होंने बताया कि उन्होंने विपक्ष के नेता का सम्मानपूर्वक स्वागत किया, जिस पर हुड्डा ने भी खुले मंच से कहा कि ऐसा स्वागत उन्होंने पहले कभी नहीं देखा.

‘मतभेद हों, मनभेद नहीं’, फिर भी अविश्वास क्यों?

मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष के नेता ने उस दौरान यह भी कहा था कि राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होने चाहिए. सरकार की ओर से भी भरोसा दिलाया गया कि विपक्ष की आवाज को कभी दबाया नहीं जाएगा. लेकिन इसके बावजूद महज दो घंटे के भीतर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना कई सवाल खड़े करता है.

सदन में अपनी बात रखते हुए सीएम सैनी ने मशहूर शायर फैज अहमद फैज का शेर भी पढ़ा, 'लाओ तो कत्ल-नामा मेरा, मैं भी देख लूं किस-किस की मोहर है सर-ए-महजर लगी हुई'  इसके बाद उन्होंने कहा कि उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव पर लगे सभी हस्ताक्षरों को गौर से देखा, लेकिन उसमें विपक्ष के नेता की मुहर कहीं नजर नहीं आई.

कांग्रेस की आपत्ति, CM बोले कि चर्चा को तैयार हूं

जब कांग्रेस विधायकों ने मुख्यमंत्री के बयान पर आपत्ति जताई तो सीएम सैनी ने साफ कहा कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा से नहीं भाग रहे हैं और सदन में पूरी बहस के लिए तैयार हैं.

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