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विपक्ष की आलोचना पर निर्मला सीतारमण का वार, कहा- 'जब बरसात होती है, तो मेंढक टर्राते हैं'

राज्यसभा में आम बजट 2022-23 पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि गरीबी का मजाक कांग्रेस ने बनाया. उन्होंने यह भी कहा कि हमें गरीबी पर ज्ञान दिया गया था. आप किस गरीबी की बात कर रहे हैं?

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'गर्व है कि हम ऐसे मंत्रिमंडल में हैं जिसका मार्गदर्शन PM मोदी करते हैं'
  • 'कुछ लोगों को पीएम की लोकप्रियता से ईर्श्या होती है'

आज शुक्रवार संसद के बजट सत्र (Budget session) के पहले भाग का 10वां और अंतिम दिन था. राज्यसभा (Rajyasabha) में आम बजट 2022-23 पर चर्चा की गई, जिसका समापन, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने जवाब से किया. निर्मला सीतारमण ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस पार्टी (Congress) पर जमकर निशाना साधा.

'कुछ लोगों को पीएम की लोकप्रियता से ईर्ष्या होती है'

निर्मला सीतारमण ने कहा- 'मुझ पर आरोप लगाया गया कि मैंने गरीबों के बारे में कुछ नहीं बोला, केवल अपने प्रधानमंत्री के बारे में ही बात की. मुझे वास्तव में इस बात पर गर्व है कि हम ऐसे मंत्रिमंडल में हैं जिसका मार्गदर्शन प्रधानमंत्री मोदी करते हैं, जो एक दूरदर्शी नेता हैं. मैंने कई बार कहा है, इसमें कुछ छिपाने वाली बात नहीं है. हर पॉपुलैरिटी रेटिंग में हमारे प्रधानमंत्री मोदी सबसे ऊपर रहते हैं. लेकिन कुछ लोगों को इस बात से ईर्ष्या होती है, लेकिन यह उनकी समस्या है.'

कांग्रेस नेता ने कहा था- 'गरीबी मन की स्थिति है' 

उन्होंने आगे कहा, 'गरीबों के बारे में मुझप र लगाए गए आरोपों के बारे में मैं कहना चाहती हूं कि आप किस गरीबी की बात कर रहे हैं. आपके नेता के मुताबिक, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा था कि गरीबी का मतलब भोजन, धन या भौतिक चीजों की कमी नहीं है. अगर किसी के पास आत्मविश्वास है तो कोई भी इसे दूर कर सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह मन की स्थिति है. मैंने उनका नाम नहीं लिया है, लेकिन हम जानते हैं कि वे कौन हैं. हमें गरीबी पर ज्ञान दिया गया था. क्या आप इसी गरीबी की बात कर रहे हैं?' 

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'जब बरसात होती है, तो मेंढक टर्राते हैं'

इस पर सदन में विपक्ष ने विरोध किया, हंगामा किया, तो निर्मला सीतारमण ने कहा- 'मैं गरीबों का मज़ाक नहीं उड़ा रही, बल्कि वो उड़ा रहे हैं जिनके साथ आपका गठबंधन है. यह मेरा कथन नहीं है बल्कि किसी और का है. पता नहीं यह किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं.' आगे उन्होंने एक तमिल कहावत भी कही- 'जब बरसात होती है, तो मेंढक टर्राते हैं. किसी को पता नहीं होता कि मेंढ़क कहां है, लेकिन आवाज आती है. मैंने किसी के बारे में कुछ नहीं कहा, लेकिन प्रतिक्रियाएं बरसाती मेंढकों की तरह आ रही हैं.'

आपको बता दें कि 2013 में, राहुल गांधी ने इलाहाबाद में एक कार्यक्रम में 'गरीबी मन की स्थिति है (poverty is a state of mind)' वाली टिप्पणी की थी. उन्होंने  समाज के वंचित वर्गों की प्रगति पर स्वयं सहायता समूहों की भूमिका की सराहना करते हुए यह बात कही थी. तब राहुल गांधी ने कहा था कि ये स्वयं सहायता समूह गरीबों को गरीबी दूर करने के लिए आत्मविश्वास देते हैं. 

 

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