किसान संगठनों ने NIA के समन भेजे जाने की निंदा की है. किसान संगठनों का कहना है कि केंद्र सरकार अत्याचार कर रही है. उसने किसानों का दमन शुरू कर दिया है. केंद्रीय कृषि मंत्री NIA मामले में देखने की बात कही थी. उनके आश्वशन के बाद भी NIA ने समन भेजा. तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हम 26 जनवरी को दिल्ली के अंदर परेड करेंगे. दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर परेड की जाएगी. किसान शांतिपूर्ण ढंग से परेड करेंगे, उम्मीद है कि दिल्ली, हरियाणा पुलिस रोक नहीं लगाएगी.
Punjab: Farmers leave from Ludhiana for Delhi to participate in a tractor march.
— ANI (@ANI) January 17, 2021
"We will organise a tractor rally in the national capital on January 26. There will be around 1 lakh tractors in the rally," says a farmer pic.twitter.com/55Q6poyQen
25 ज़िलों से मिट्टी का कलश लेकर बहुजन समाज मंच के कार्यकर्ता पहुंचे ग़ाज़ीपुर बॉर्डर। #ReporterDiary (@RamKinkarSingh)
— AajTak (@aajtak) January 17, 2021
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इससे पहले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि सरकार किसानों के खिलाफ NIA का इस्तेमाल कर रही है. बता दें कि कुछ किसान नेताओं को पूछताछ के लिए NIA ने समन भेजा है. सुरजेवाला ने कहा कि NIA केंद्र सरकार के हाथ की कठपुतली बन गई है. सुरजेवाला ने कहा कि NIA, ED, IT को बीजेपी ने अपना मुखौटा संगठन बना दिया है. खेदजनक बात ये है किसान बीजेपी के लिए आतंकवादी, एंटी नेशनल, पाकिस्तानी, चीनी और अर्बन नक्सल हो गए हैं, लेकिन किसान सरकार के सामने नहीं झुकेंगे. सीबीआई और ईडी नोटिस से किसान चुप नहीं बैठने वाले हैं.
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया है कि बीजेपी किसानों के खिलाफ सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर उन्हें डरा रही है. प्रियंका वाड्रा ने कहा कि बीजेपी किसानों को डराने की चाहे कितनी कोशिश कर लें वे नाकाम रहेंगे. वे भूल गए हैं कि किसान अपने अस्तित्व को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है. किसान खेती बचाने निकले हैं. उनके संघर्ष को दबा नहीं पाओगे. कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ है.
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता किसानों की आय दो गुना करना है. शाह ने कहा कि 2013-14 में कृषि बजट 21 हजार 900 करोड़ के लगभग थी, जबकि 2020-21 में कृषि बजट बढ़कर 1 लाख 34 हजार 399 करोड़ हो गया है. अमित शाह ने कहा कि एमएसपी में भी हमारी सरकार ने बढ़ोतरी की है. अमित शाह ने कहा कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत हमारी सरकार ने 1 लाख 13 हजार 619 करोड़ रुपये सीधे उनके खाते में किया है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि नए कृषि कानूनों से किसानों की आय बढ़ेगी. कर्नाटक के बगलकोट में किसानों के लिए कई परियोजनाओं को लॉन्च करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन कानूनों के जरिए किसानों की आय कई गुना बढ़ जाएगी. अमित शाह ने कहा कि अब किसान अपनी फसल को न सिर्फ भारत बल्कि दुनिया में कहीं भी बेच सकेंगे. कांग्रेस पर सवाल उठाते हुए अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने किसानों को 6 हजार रुपये हर साल क्यों नहीं दिए, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ किसानों को क्यों नहीं दिया जब वो सत्ता में थी. ऐसा इसलिए है क्योंकि कांग्रेस की मंशा ठीक नहीं थी.
भारत किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेना ही पड़ेगा. राकेत टिकैत ने कहा कि किसान सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के सामने नहीं जाएंगे और सरकार को कृषि कानून वापस लेना ही पड़ेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि हमने किसान संगठनों को एक प्रस्ताव भेजा था जिसमें हम उनकी मंडी से जुड़ी समस्याओं, व्यापारियों के पंजीकरण और दूसरे मुद्दों पर चर्चा के लिए राजी हो गए थे, सरकार पराली और बिजली से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा करने को तैयार थी, लेकिन किसान सिर्फ कानून को रद्द कराना चाहते हैं, लेकिन ज्यादातर किसान और विशेषज्ञ कृषि कानूनों के पक्ष में हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कानून को लागू नहीं किया जा सकता है, अब हमें उम्मीद है कि 19 जनवरी को किसान बिंदूवार चर्चा करें और सरकार को बताएं कि कृषि कानून रद्द करने के अलावा वे और क्या चाहते हैं?
किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगे. उन्होंने निजी कारणों और स्वास्थ्य का हवाला देकर NIA के सामने पेश होने से इनकार कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर:
NIA के सामने आज पेश नहीं होंगे किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा, इस मामले में होनी है पूछताछ
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 19 जनवरी की बैठक से पहले बड़ा बयान दिया है. 19 जनवरी को किसानों और सरकार के बीच अगले दौर की वार्ता होने वाली है. इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर कहा है कि 19 जनवरी की बैठक में किसान कृषि कानूनों पर बिंदूवार चर्चा करें, कृषि मंत्री ने कानूनों को रद्द करने की किसी भी संभावना से इनकार किया.
Most of the farmers & experts are in favour of farm laws. After Supreme Court's order, the laws can't be implemented. Now we expect that farmers discuss the laws clause-wise on Jan 19 & tell govt what they want other than the repeal of the laws: Union Agriculture Minister https://t.co/UJyXhnIkQB
— ANI (@ANI) January 17, 2021
सिंघु बॉर्डर पर थोड़ी ही देर में किसान संगठनों की बैठक होने जा रही है. इस बैठक में किसानों नेताओं को NIA की ओर से भेजे गए समन पर चर्चा होगी और इससे मुकाबले के लिए रणनीति बनाई जाएगी. माना जा रही है 19 जनवरी को जब किसान नेताओं की सरकार के प्रतिनिधियों से वार्ता के लिए मुलाकात होगी, तो किसान नेता इस मुद्दे को उठाएंगे. इसके अलावा किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली पर भी अड़े हैं. इस मुद्दे पर भी चर्चा होगी.