किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के समक्ष पूछताछ के लिए पेश नहीं होंगे. उन्होंने निजी कारणों और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए NIA के समक्ष आने से असमर्थता जाहिर की है.
इससे पहले शनिवार को NIA ने बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए बुलाया था. ये पूछताछ भारत विरोधी संगठनों की ओर से कई एनजीओ को की गई फंडिंग के सिलसिले में है. बलदेव सिंह सिरसा से अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के एक नेता पर दर्ज केस के सिलसिले में पूछताछ होनी है.
NIA इस मामले में पत्रकार बलतेज पन्नू (पटियाला), जसवीर सिंह (श्री मुक्तसर साहिब), मनदीप सिंह सिद्धू (दीप सिद्धू के भाई), परमजीत सिंह अकाली (अमृतसर), नोबलजीत सिंह (होशियारपुर), प्रदीप सिंह (लुधियाना), सुरिंदर सिंह ठिक्रीवाला (बरनाला), पलविंदर सिंह (अमरकोट), इंद्रपाल सिंह (लुधियाना), रणजीत सिंह दमदमी मिंट (अमृतसर) और करनैल सिंह दसूहा (होशियारपुर) से पूछताछ करेगी.
दरअसल खालिस्तानी संगठनों और उससे जुड़े NGO की फंडिंग इस समय NIA के रडार पर है. NIA ने खालिस्तानी संगठन और इनके द्वारा किए जाने वाले NGO की फंडिंग की लिस्ट तैयार की है. ये एनजीओ विदेश से मिले धन का भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर रहे हैं.
बता दें, हाल ही में ब्रिटेन, कनाडा और अमेरिका में खालिस्तान समर्थकों ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भारत के दूतावासों पर विरोध प्रदर्शन किया था. दो पत्रकारों से भी पूछताछ अलगावादी संगठन से फंडिंग मामले में पंजाब के जिन 20 से ज्यादा लोगों से NIA की पूछताछ होनी है उनमें कम से कम दो पत्रकार हैं.
हालांकि NIA के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि किसी पत्रकार को पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है. माना जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में सिख फॉर जस्टिस, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल और खालिस्तान टाइगर फोर्स जैसे अलगाववादी संगठन के लोग शामिल थे. भारत में इन विदेशी संगठनों से कई NGO में पैसे पहुंचे हैं. इसकी जांच, NIA समेत दूसरी एजेंसियां कर रही हैं.
सूत्र का कहना है कि गृह मंत्रालय में 12 दिसंबर को NIA, ED, IT, CBI और FCRA डिवीजन के अधिकारियों की एक बड़ी बैठक हुई थी. इसके बाद ये प्लान तैयार हुआ है कि सिख फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिन्दाबाद फोर्स, खालिस्तान टाइगर फोर्स पर शिकंजा कसने और विदेशी फंडिंग को खंगाला जाएगा. जांच एजेंसियां ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और जर्मनी से होने वाली विदेशी फंडिंग पर ध्यान रखे हुए हैं.