कांग्रेस पार्टी में शीर्ष नेतृत्व को लेकर लगातार मंथन हो रहा है. वर्किंग कमेटी की बैठक में चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर कई तरह के सवाल खड़े हुए. इस बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि चिट्ठी लिखना किसी तरह की बगावत नहीं है और ना ही ये अनुशासनहीनता है.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘चिट्ठी लिखने के मामले को मैं बगावत नहीं कहूंगा, लेकिन जो भी बात कहनी चाहिए वो पार्टी के भीतर ही होनी चाहिए’.
कांग्रेस दिग्गज ने कहा कि चिट्ठी लिखने की कोई जरूरत ही नहीं थी, आनंद शर्मा-मुकुल वासनिक-गुलाम नबी आजाद सभी सीनियर नेता हैं, ऐसे में ये समझना मुश्किल है कि उन्हें चिट्ठी लिखने की क्या जरूरत पड़ी.
दिग्विजय बोले कि सभी को सोनिया गांधी से मिलकर बात करनी चाहिए थी. जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बैठक हुई है, उसमें अपनी बात रखी जा सकती थी.
CWC की बातें मीडिया में आने पर दिग्विजय ने कहा कि पार्टी को विचार करना चाहिए कि इस तरह की बैठकें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में होनी चाहिए या नहीं, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर इनहाउस मीटिंग होनी चाहिए.
चिट्ठी लिखने की जरूरत ही नहीं थी, सभी को पार्टी फोरम पर अपनी बातें रखनी चाहिए.
मोदी सरकार के खिलाफ राहुल संभाल रहे मोर्चा
दिग्विजय बोले कि राहुल गांधी लगातार राफेल से लेकर मजदूर और चीनी घुसपैठ का मसला उठा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में संस्थाओं के साथ जो हाल किया जा रहा है, उन मसलों को भी राहुल गांधी ने उठाया.
नेतृत्व संकट को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी एक सामूहिक नेतृत्व ही है. सोनिया गांधी की तबीयत ठीक नहीं है, राहुल गांधी भी दस जनपथ शिफ्ट हो गए हैं लेकिन किसी तरह का इन्फेक्शन ना हो इसलिए वो किसी से नहीं मिल रहे हैं.
दिग्विजय बोले कि मुझे राहुल गांधी से कोई भी दिक्कत नहीं है, ना ही बात करने में कोई समस्या है. सोनिया गांधी लगातार लोगों से बात करती हैं, ऐसे में चिट्ठी लिखने की नौबत ही नहीं आनी चाहिए थी.
चिट्ठी लिखने वाले नेताओं का बीजेपी का साथ देने वाली बात पर दिग्विजय ने कहा कि राहुल ने ये बयान नहीं दिया, लेकिन बीजेपी की ओर से ऐसा लिखा जा रहा है. मेरे से कभी किसी ने चिट्ठी को लेकर बात नहीं की क्योंकि सभी को मेरे विचार पता है.