कांग्रेस की गुटबाजी और अंतर्कलह राजस्थान से लेकर पंजाब तक, समय-समय पर हर जगह सामने आती रही है. नेता खुलकर एक-दूसरे की आलोचना के साथ ही मीडिया में भी पार्टी की नीतियों को लेकर खुलकर विरोध व्यक्त करते रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के ग्रुप G-23 ने तो नेतृत्व से लेकर नीति तक, खुलकर मीडिया से भी बातें की जिससे कई दफे पार्टी को असहजता का सामना करना पड़ा.
कांग्रेस ने लगता है अब G-23 नेताओं की ओर से लगातार आलोचना से सबक ले लिया है. पार्टी को आलोचना मंजूर नहीं है. कांग्रेस ने इसकी काट ढूंढ ली है. कांग्रेस ने अपने सदस्यों के लिए पार्टी के कार्यक्रमों और नीतियों की खुलेआम आलोचना करने पर रोक लगाने के लिए एक निर्णय लिया है. पार्टी ने इसके लिए नए सदस्यता फॉर्म में डिक्लेरेशन कॉलम में इसे लेकर प्रावधान करने का निर्णय लिया है.
नए सदस्यता फॉर्म में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से ये वचन ले लेगी कि वे पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की खुलेआम आलोचना नहीं करेंगे. नए फॉर्म में कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं से ये वचन लेगी कि वे आंतरिक मसले पार्टी फोरम में ही उठाएं. खुलेआम इन्हें लेकर कुछ ना बोलें, पार्टी की किसी नीति या कार्यक्रम की आलोचना ना करें.
कांग्रेस की सदस्यता के लिए बनाए गए नए फॉर्म में 10 डिक्लेरेशन साइन करने होंगे. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी एक नवंबर से अपने सदस्यता अभियान की शुरुआत करेगी. बता दें कि जी-23 के नेताओं की ओर से आए बयान कांग्रेस को असहज करते रहे हैं. जी-23 नेताओं ने पार्टी नेतृत्व पर भी सवाल उठाए थे.