संसद के दोनों सदनों में कृषि कानूनों पर चर्चा कराने के लिए आज कांग्रेस ने सरकार पर दबाव बनाए रखा. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए नोटिस दिया. सदन में वह सत्ता पक्ष पर जहां भड़क गए वहीं बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर सरकार से तीखे सवाल भी पूछे.
चर्चा कराने पर अड़ा रहा विपक्ष
राज्यसभा में पेट्रोल-डीजल की कीमत, महंगाई और कृषि कानूनों पर चर्चा की मांग को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अड़ा रहा. सदन में जोरदार नारेबाजी वजह से कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी. नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में कई बार नियम 267 का हवाला देकर चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सभापति वेंकैया नायडू ने इसकी अनुमति नहीं दी. हालांकि सरकार ने इस हंगामे के बीच ही मध्यस्थता विधेयक पारित करा लिया.
उपसभापति को हाथ जोड़कर समझाना पड़ा
कार्यवाही के दौरान एक बार जब खड़गे चर्चा कराने की मांग कर रहे थे, तब सदन में पीठासीन उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह को अपनी सीट पर खड़े होकर उनसे हाथ जोड़कर सदन की कार्यवाही सहजता से चलाने का अनुरोध करना पड़ा.
जब भड़के मल्लिकार्जुन खड़गे
उपसभापति के आग्रह के बाद नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम यहां सदन को disrupt करने नहीं आए हैं, हम यहां सदन को smoothly चलाने ही आए हैं. उनके इतना कहने पर सत्ता पक्ष की ओर से टीका-टिप्पणी की गई तो उन्होंने कहा कि ‘यह तो सबको मालूम है, चुप बैठो’. उसके बाद उन्होंने फिर आगे बोलने की कोशिश की तो सत्ता पक्ष की ओर और टिप्पणियां की गई जिस पर खड़गे को गुस्सा आ गया और वह चिल्लाकर बोले ‘मैं सबको जानता हूं.’ (I know everybody) उन्हें शांत कराने के लिए उपसभापति को फिर से आसन से खड़े होना पड़ा.
खड़गे ने कहा कि जब सदन में गतिरोध चल रहा है तो चर्चा के लिए दूसरे बिलों को कैसे लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि ये लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है और लोग हमें नियम सिखा रहे हैं.
सदन के बाहर भी बोले खड़गे
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम सरकार से नियम 267 के तहत सदन में लड़ रहे हैं. इसके तहत सरकार को ईंधन की बढ़ती कीमतों पर विस्तृत चर्चा करानी चाहिए जिससे वह बच रही है. हम जानना चाहते हैं कि सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर कर से 21 लाख करोड़ रुपये जमा किए, इस पैसे को किस सामाजिक सुरक्षा की योजना में खर्च किया गया. देश में केरोसिन की कीमतें भी ऐतिहासिक उच्च स्तर पर हैं.
जब हम सरकार में थे तब कच्चे तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल तक थीं तब भी पेट्रोल 71 रुपये से ऊपर नहीं गया. अभी केरोसिन के दाम भी 35 रुपये लीटर हैं जो हमारे समय 14 रुपये थे.
हर जगह पीएम का फोटो
खड़गे ने कहा कि एलपीजी से लेकर कोरोना के वैक्सीन तक, सब जगह पीएम का फोटो है. हमें तो डर है कि देश में संविधान बच भी पाएगा या नहीं.
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कहा, ‘अब कोई और ना धोखा देगा, इतनी उम्मीद तो वापिस कर दे, हमसे हर ख्वाब छीनने वाले, नींद तो वापिस कर दे.’
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