मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सोमवार को साइबर सेल पहुंचे. वह अपने एक बयान को तोड़-मरोड़ कर वायरल किए जाने की शिकायत लेकर यहां पहुंचे थे. दिग्विजय सिंह ने लिखित शिकायत देते हुए कहा कि उनके एडिटेड क्लिप को वायरल करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए.
दरअसल, हाल ही में एक क्लब हाउस कॉन्फ्रेंस के दौरान धारा 370 पर दिग्विजय सिंह का कथित सामने आया था, जिसको लेकर वह बीजेपी के निशाने पर आ गए थे.
सोमवार को प्रदेश साइबर सेल पहुंचे दिग्विजय सिंह ने पहले लिखित शिकायत सौंपी और उसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि 15 मई को क्लब हाउस नाम के मीडिया प्लेटफार्म पर मुझे परिचर्चा पर आमंत्रित किया गया था. जिसमें कई अन्य व्यक्ति भी शामिल थे. इसके बाद 12 जून को ट्विटर पर (@LeaksClubHouse) नाम से एक अकाउंट शुरू किया गया. जिसमें सबसे पहले एक पोस्ट डाली गयी और लिखा गया कि थोड़ी देर में क्लब हाउस लीक्स एडमिन एक पोस्ट एडिटिंग कर के प्रसारित करने वाले हैं. उसके बाद तड़के एक पोस्ट ट्वीट की जाती है जिसमें लिखा गया कि मैंने आर्टिकल 370 के सम्बन्ध में किसी पाकिस्तानी से कहा है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आती है तो आर्टिकल 370 को दोबारा लागू किया जाएगा.
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दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि जिस तरह से ट्विटर पर पोस्ट डाली गयी है, उस प्रकार का कोई बयान मैंने नहीं दिया है. बल्कि उसे तोड़ मरोड़ कर षड्यंत्रपूर्वक मुझे बदनाम करने और मेरी छवि खराब करने के उद्देश्य से इसे वायरल किया गया. क्लब हाउस लीक्स द्वारा षड्यंत्र करके जानबूझकर मुझे बदनाम करने और मेरी छवि ख़राब करने के उद्देश्य से चर्चा की ऑडियो को एडिट कर लीक किया. इससे मेरी छवि धूमिल हुई है.
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दिग्विजय सिंह ने क्लब हाउस लीक्स पर कांग्रेस नेताओं को टारगेट करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'यही नहीं, 17 जून को एक ट्वीट क्लब हाउस लीक्स द्वारा किया गया है. जिससे साफ होता है कि @LeaksClubHouse षड्यंत्रपूर्वक सिर्फ कांग्रेस के नेताओं को बदनाम करने के लिये खोला गया है. इसलिए मैंने लिखित शिकायत दी है कि इसमें जो भी लोग शामिल हैं, उन लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट 2000 की धारा 43(ए) (बी) एवं 43(आई), 66, 72(ए) एवं भारतीय दण्ड विधान की धारा 499 एवं 500 के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्व कर कार्रवाई की जाए.'