कांग्रेस ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव (केसीआर) की पार्टी टीआरएस पर संगीन आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने कहा है कि तेलंगाना की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) फिर से सत्ता पर काबिज होने के लिए प्रशांत किशोर को 500 करोड़ रुपये की पेशकश कर रही है.
केसीआर के निर्वाचन क्षेत्र गए पीके
केसीआर के एक करीबी ने पुष्टि की है कि प्रशांत किशोर (पीके) और केसीआर दोनों संपर्क में हैं. हाल ही में पीके ने टीआरएस प्रमुख के निर्वाचन क्षेत्र गजवेल का भी दौरा किया और उनकी सरकार के प्रमुख 'कलेश्वरम' परियोजना स्थल का भी दौरा किया.
'इस बार हार जाएगी टीआरएस'
कांग्रेस के प्रवक्ता दासोजू श्रवण ने बताया कि 2018 के विधानसभा चुनावों में टीआरएस को 41 फीसदी, कांग्रेस को 30 फीसदी और बीजेपी को केवल 19 फीसदी वोट हासिल हुए थे. कांग्रेस वोट शेयरिंग के मामले में दूसरे स्थान पर थी. उन्होंने दावा किया कि इस बार कांग्रेस आगामी चुनाव में टीआरएस को कड़ी टक्कर देगी और उसे हार का सामना करना पड़ेगा.
टीआरएस की अब केंद्र पर नजर
सत्ता के गलियारे में यह चर्चा है कि अब केंद्र की राजनीति में पूरी ताकत से उतरने के लिए टीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के सीएम केसीआर आई-पैक (I-PAC) की सेवा ले सकते हैं. 23 फरवरी को मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का संकेत देते हुए कहा कि मैं राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा हूं. वे भाजपा की तरफ से लाई गई जनविरोधी नीतियों और विकास के मुद्दे पर सभी दलों को साथ जोड़ेंगे और देश में सब कुछ ठीक कर देंगे.
भाजपा के खिलाफ बन रहा मोर्चा
राव ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ समान विचारधारा वाले दलों को एक साथ लाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं. इन्हीं प्रयासों के तहत केसीआर ने महाराष्ट्र के अपने समकक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार से अलग-अलग मुलाकात की थी. वहीं, प्रशांत किशोर के भूपालपल्ली दौरे में उनके साथ बीजेपी के कट्टर आलोचक अभिनेता प्रकाश राज भी थे. प्रकाश भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में केसीआर के साथ गए थे.
बता दें कि चुनावी रणनीतिकार के तौर पर नाम कमा चुके प्रशांत किशोर नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी और तमिलनाड़ु में डीएमके नेता एमके स्टालिन के लिए काम कर चुके हैं.