इंडिया टुडे समूह के इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2021 के 19वां संस्करण का शुक्रवार को आगाज किया गया. कॉन्क्लेव के पहले दिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए और उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रणनीति को लेकर खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि विपक्षी दल जो अभी कर रहे हैं, बीजेपी उस काम को बहुत पहले कर चुकी है.
जेपी नड्डा ने कहा कि राजनीति में रणनीति पर्दे का विषय होता है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं बीजेपी हर पल, हर समय एक योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ती है. इसलिए बाकी लोग चुनाव तब लड़ेंगे जब कोड ऑफ कंडक्ट लगेगा. हम हमेशा पार्टी क्या कर रही है, इससे आगे बढ़ रही है.
उन्होंने कहा कि मैं कहना नहीं चाहता लेकिन जो लोग अभी कर रहे हैं, हम लोग पहले ही कर चुके हैं. इसलिए चुनाव की बारी आती है, तो वो लोग उन बातों पर लगते हैं, तो मुझे हंसी आती है. हम चुनाव की तैयारी अभी नहीं कर रहे हैं, बहुत पहले से शुरू हो गया है. तौर-तरीके, हमारी कमजोरी क्या है, कहां हमें सुधार करना है.
शाह और नड्डा के काम में क्या अंतर
जेपी नड्डा ने मैं यूपी का प्रभारी था. हमारे काम करने का जो तरीका है, कभी भी दिमाग में नहीं आता कि अमित शाह जी क्या करते. क्योंकि वो तो साथ ही हैं. एक फोन ही तो करना है और यही तो पूछना है कि हम इस स्थिति में क्या करना चाहिए. हमें सबका साथ मिलता है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी रूचि लेते हैं. राजनीतिक दृष्टि से उनका पार्टिसिपेशन रहता है. मुझे व्यू पॉइंट को कहने में कोई दिक्कत भी नहीं होती है. हमें उनकी बात को हमेशा लेकर के साथ चलना होता है. ये कोई उधार नहीं लेना है. ये हमारा ही है.
लखीमपुर खीरी पर कानून अपना काम कर रहा
लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर दुख जाहिर करते हुए जेपी नड्डा ने विपक्षी दलों के रवैए पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस घटना को हम चुनाव की दृष्टि से ना देख रहे हैं बल्कि मानवता की दृष्टि से देखें. ये दुखदाई घटना है. कानून अपना काम कर रहा है और कोई भी शख्स कानून से ऊपर नहीं है. हमने एसआईटी घटित की है. दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. हम इस मामलें कार्रवाई करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
नड्डा ने कहा कि एक नया तरीका डेवलप हो रहा है विरोध का. उसके बारे में भी सोचना चाहिए. कई घटनाएं हो रही हैं. राह चलते अटैक हो जाता है. नेताओं का घिराव करना. डेमोक्रेटिक प्रोसेस में हमें उस सिस्टम को कहां तक ले जाना है, ये भी सोचना है.लेकिन कोई भी कानून को अपने हाथ में नहीं ले सकता है. उसके साथ भी न्याय होगा.