लोकसभा में वित्त विधेयक-2021 पर चर्चा के दौरान भाजपा के मेरठ से सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस पर कई निशाने साधे. इसी संदर्भ में उन्होंने सदन में ‘बनार्ड शॉ और सुंदर महिला’ की कहानी सुनाई. जानें क्या है वो कहानी...
‘कांग्रेस कन्फ्यूज पार्टी’
सदन में चर्चा के दौरान राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस के सीपीआई के साथ विधानसभा चुनावों में गठबंधन को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस कन्फ्यूज पार्टी है.’ वह बंगाल में सीपीआई के खिलाफ चुनाव लड़ रही है. जबकि केरल में साथ चुनाव लड़ रही है. इस पर उन्होंने सदन में शेर पड़ा कि कांग्रेस की हालत ऐसी है, ‘सुबह को पी, शाम को तौबा कर ली, रिंद के रिंद रहे, हाथ से जन्नत ना गई.’
‘कुरुप और नादान बच्चा’
राजेन्द्र अग्रवाल ने सदन में बर्नाड शॉ की कहानी सुनाते हुए, ‘बर्नाड शॉ बेहद विद्वान थे लेकिन कुरुप थे. तो एक बार सुंदर महिला उनके पास गई और बोली कि आप मुझसे शादी कर लें तो हमारी जो संतान होगी वो आपकी तरह बुद्धिमान और मेरी तरह सुंदर होगी. इस पर बनार्ड शॉ ने उनसे कहा कि अगर इसका उल्टा हो गया तो और वो संतान मेरी तरह कुरुप और आपकी तरह मूर्ख हुई तो. और मुझे ऐसा लगता है कि ‘कांग्रेस को भी कुरुप और नादान बच्चे से ही काम चलाना पड़ेगा’. बहरहाल ‘ना खुदा ही मिला, ना बिसाले सनम, ना हम इधर के रहे, ना उधर के रहे’. कांग्रेस की जो ये चतुराई है कि ‘सुबह को पी, शाम को तौबा कर ली, रिंद के रिंद रहे, हाथ से जन्नत ना गई’, इसका यही हाल होने वाला है.’
‘बदल गए कांग्रेस के गांधी’
वित्त विधेयक 2021 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान राजेन्द्र अग्रवाल ने महात्मा गांधी के ‘सबसे गरीब के लिए योजना बनाने’ के लिए काम करने के उद्धरण का जिक्र किया. इस पर उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा कि अब कांग्रेस का गांधी से कोई वास्ता नहीं रहा, उनके पास गांधी तो हैं लेकिन कांग्रेस के गांधी बदल गए हैं.
‘सच मान लीजिए चेहरे पर धूल है’
राजेन्द्र अग्रवाल ने कांग्रेस के नेता रवनीत सिंह बिट्टू के लिए एक शेर पढ़ा, ‘सच मान लीजिए चेहरे पर धूल है, इल्जाम आइने पर लगाना फिज़ूल है’. इससे पहले उन्होंने सरकार के गरीबों के लिए काम करने का जिक्र किया और कहा कि हमने जनधन खाते खोले. कांग्रेस शिकायत करती रही है कि 1 रुपया भेजो तो 15 पैसे पहुंचते हैं. मेरा उनसे सवाल है कि आप यहां सदन में सवाल उठाने आए हैं या समाधान निकालने. आपकी नीयत नहीं थी, इसलिए आपने इसका समाधान नहीं किया हमने करके दिखाया, अब गरीब को पता है कि मोदी सरकार 100 रुपये भेजेगी तो 100 रुपये आएगा, यदि 1000 रुपये भेजेगी तो 1000 रुपये पहुंचेंगे.
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