scorecardresearch
 

मंत्रिमंडल का गठन होते ही मुसीबत में TMC! राज्यपाल ने नारदा मामले में केस चलाने की मंजूरी दी

इस मंजूरी पर नेताओं में बयानबाजी शुरू हो गई. ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा है कि उन्हें न्यायपालिका और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्हें क्लीन चिट मिलना तय है. उन्हें खुशी है मामले की सुनवाई कोर्ट में होने जा रही है. 

Advertisement
X
 राज्यपाल जगदीप धनखड़
राज्यपाल जगदीप धनखड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • नारदा मामले का जिन्न फिर निकला बाहर
  • नारदा केस का मुकदमा चलाने की इजाजत
  • नारदा केस से TMC नेताओं की बढ़ेगी मुश्किलें

पश्चिम बंगाल में तीसरी मुख्यमंत्री बनीं ममता बनर्जी ने अपनी कैबिनेट का गठन कर लिया है. इस बार मंत्रिमंडल में कुल 43 मंत्रियों को शामिल किया गया है. वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पूर्व मंत्रियों और टीएमसी के शीर्ष नेताओं पर नारदा घोटाले में केस चलाने की मंजूरी दी है, जिसके चलते ममता के कई मंत्रियों के शपथ लेते ही मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसमें सुब्रत मुखर्जी, फिरहाद हकीम और शोभन चटर्जी जैसे टीएमसी के बड़े नाम हैं. 

टीएमसी मंत्री के क्लीन चिट का भरोसा
नारदा घोटाले में राज्यपाल जगदीप धनखड़ के केस चलाने की मंजूरी पर नेताओं में बयानबाजी शुरू हो गई. ममता सरकार के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा, 'उन्हें न्यायपालिका और कानून पर पूरा भरोसा है. उन्हें क्लीन चिट मिलना तय है. उन्हें खुशी है मामले की सुनवाई कोर्ट में होने जा रही है.' 

सोमवार को राजभवन में मंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद फिरहाद हकीम ने पत्रकारों के सवालों के जवाब में अपनी बातें रखी. फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा कथित नारदा स्टिंग टेप सामने आने के दौरान बंगाल सरकार में मंत्री थे. इस मामले की जांच सीबीआई ने की है. 

नारदा स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी छोड़ बीजेपी में आए शुभेंदु अधिकारी का नाम भी सामने आया था. हालांकि, लोकसभा के स्पीकर ओम बिड़ला ने शुभेंदु अधिकारी पर मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी थी. इसके कारण सीबीआई ने उन पर मुकदमा नहीं चलाया. 

Advertisement

नारदा मामले से बढ़ेगा राज्यपाल बनाम टीएमसी 

नारदा मामले में राज्यपाल ने केस चलाने की मंजूरी दे दी है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और टीएमसी नेताओं के बीच टकराव बढ़ने की आशंकाएं भी प्रबल हो गई हैं. इसकी वजह यह है कि शुभेंदु अधिकारी पर केस नहीं चलाने की स्पीकर ने अनुमति दी है. जबकि राज्यपाल ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है. इसी के चलते टीएमसी के दिग्गज नेताओं के निशाने पर राज्यपाल आ सकते हैं.

बता दें साल 2014 में एक स्टिंग ऑपरेशन हुआ था, जिसमें पश्चिम बंगाल में निवेश के नाम पर टीएमसी के सात सांसदों, चार मंत्रियों, एक विधायक और एक पुलिस अधिकारी को एक प्रोजेक्ट के लिए नगद रुपए लेते दिखाया गया था. पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव के पहले टेप को पब्लिक डोमेन में लाया गया था. जिसके बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक खूब हंगामा हुआ था. अब, एक बार फिर से नारदा केस का जिन्न बाहर आ गया है. राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है, लिहाजा अब देखना होगा कि इस केस में क्या होता है.

 

Advertisement
Advertisement