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Chhattisgarh: हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव की जमीनों पर बैठी जांच, कलेक्टर बोले- मुझे कोई जानकारी नहीं

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और उनके परिवार पर जमीन फर्जीवाड़े के संदर्भ में मिली पुरानी शिकायत की फाइल फिर से खोल दी गई है. नायब तहसीलदार ने टीम बनाकर जमीनों की जांच तेज कर दी है. साथ ही अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से इस मामले की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर मांगी है.

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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव. (फाइल फोटो)
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव. (फाइल फोटो)

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के खिलाफ एक बार फिर जमीन फर्जीवाड़े मामले में जांच बैठा दी गई है. पुरानी शिकायत के आधार पर नजूल तहसीलदार ने बाकायदा जांच का आदेश देते हुए जांच टीम भी बना दी है.  23 नवंबर 2022 को जारी इस पत्र में नजूल तहसीलदार अजय गुप्ता ने हलका पटवारी का दल गठित कर एक सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन, पंचनामा, रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.

दरअसल, सूबे में एक बार फिर सरगुजा राजपरिवार की जमीन का मामला सुर्खियों में आ गया है. जबकि इससे पहले हुई सभी जांचों में शिकायत खारिज की जा चुकी है. शिकायत में कहा गया है कि टीएस सिंहदेव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम फर्जी तरीके से जमीन पाई गई है. जांच के लिए जारी आदेश में राजस्व विभाग के 6 अधिकारियों की टीम बनाई गई है. 

इस टीम में राजस्व निरीक्षक नारायण सिंह, राजस्व निरीक्षक नजूल राजबहादुर, अशीष गुहा और विजय श्रीवास्तव समेत हल्का पटवारी श्रवण पाण्डेय और  महेंद्र गुप्ता का नाम शामिल है. जांच के आदेश जारी होते ही एक बार फिर सरगुजा की राजनीतिक गरमा गई है. 

आदेश की जांच करा रहे: कलेक्टर

वहीं, इस मामले में कलेक्टर कुंदन कुमार का कहना है कि मुझे इस आदेश के संबंध में कोई जानकारी नहीं है. सोशल मीडिया के माध्यम से मुझे जानकारी मिली है. मैंने एसडीएम और नायब तहसीलदार से बात की है. पूरे मामले के संदर्भ में जल्द ही एसडीएम और नायब तहसीलदार मुझे अवगत कराएंगे. उनका कहना है कि आदेश कहां से निकला है? इसकी जांच करा रहे हैं.

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नायब तहसीलदार को जांच बैठाने का अधिकार नहीं: वकील 

टीएस सिंह देव की ओर से पक्ष रखने वाले एडवोकेट संतोष सिंह ने कहा, ''मुझे नवभारत समाचार पत्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि टीएस सिंह देव की जमीन के संदर्भ में जांच कमेटी बैठाई गई है. मुझे लगता है कि शिव सागर तालाब के संदर्भ में जांच कमेटी बैठाई गई होगी. इसकी शिकायत पहले भी की जा चुकी है. शिकायत पर स्थानीय जांच कमेटी की तरफ से क्लीरियंस दिया जा चुका है. यह नायब तहसीलदार के अधिकार क्षेत्र के बाहर है. उन्हें जांच बैठाने का अधिकार नहीं है.'' 

 

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