असम में बाल विवाह कानून के खिलाफ जबरदस्त कार्रवाई हो रही है. हिमंता बिसवा सरमा ने कुछ दिन पहले बाल विवाह पर सख्ती की बात कही थी और अब उसका असर दिखने लगा है. 4 हजार से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है और 2200 ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. आगे भी धरपकड़ जारी है. लेकिन इसको लेकर सियासत भी जारी है. जहां एक तरफ AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने दुल्हे की गिरफ्तारी के बाद शादीशुदा महिलाओं की देखरेख को लेकर सवाल उठाया है तो वहीं एआईयूडीएफ विधायक ने इसे असल मुद्दों से भटकाने का प्रयास बताया है.
दरअसल, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के विधायक अमीनुल इस्लाम ने कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सिर्फ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा बजट की खामियों और अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है. एआईयूडीएफ बाल विवाह के खिलाफ है लेकिन सरकार जागरूकता फैलाने, साक्षरता दर बढ़ाने जैसे कदमों पर ध्यान नहीं दे रही है. बाल विवाह के नाम पर लोगों को जेल भेजना गलत है. असम सरकार ने अभी भी बाल विवाह रोकथाम अधिनियम को लागू करने के लिए नियम नहीं बनाए हैं.
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस सांसद ने आरोप लगाया कि जो लोग 2014 या उससे पहले बाल विवाह कर चुके हैं, उनको भी परेशान किया जा रहाहै. सांसद अब्दुल खलीक ने कहा कि जो लोग पहले शादी कर चुके हैं, अब वो बालिग हो चुके हैं इसलिए उनपर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए.
तामरहाट थाने पर हंगामा
राज्य के तामरहाट पुलिस थाने पर गिरफ्तार हुए आरोपियों के परिजनों ने जमकर हंगामा काटा. मौके पर सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए थाने को घेर लिया और अपने परिजनों को छोड़ने की मांग की. वहीं लोगों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस के लाठीचार्ज भी करना पड़ा. जिसके बाद लोगों को थाने के सामने से हटाया जा सका.
कार्रवाई पर ओवैसी ने उठाए सवाल
असम सरकार के एक्शन पर ओवैसी ने सवाल उठाए हैं. AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि असम में पिछले 6 साल से बीजेपी की सरकार है. ये तो आपका फेलियर है. तब आप क्या कर रहे थे? इस तरह की गिरफ्तारियां करके आप एक और मुश्किल खड़ी कर रहे हैं. जो शादी हो चुकी हैं, उन लड़कियों का क्या करेंगे आप? कौन देखभाल करेगा उनकी? चाहे वो किसी समुदाय की हों.