राइटर्स बिल्डिंग से 18 साल पहले जबरन निकाले जाने के बाद ममता ने कसम खाई थी कि वह कभी इस इमारत में कदम नहीं रखेगी. और ममता ने वह कसम 18 साल तक निभायी और 20 मई 2011 को बतौर मुख्यमंत्री इस इमारत में प्रवेश किया.
18 साल पहले एक बलात्कार पीड़िता के साथ ममता राइटर्स बिल्डिंग में तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के चैम्बर के सामने धरने पर बैठी थीं.
तब ममता केन्द्रीय राज्य मंत्री और कांग्रेस नेता थीं. वो नदिया जिले से एक गूंगी बहरी बलात्कार पीड़ित महिला के साथ बसु के चैम्बर के सामने तीन घंटे तक धरने पर बैठी रही थी. ममता का आरोप था कि बलात्कारी को राजनीतिक संपर्कों के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया.
उस समय पुलिस उपायुक्त (केन्द्रीय) रहे और अब तृणमूल कांग्रेस विधायक अबनी मोहन जोरदार ने कहा, ‘उस दिन बसु ममता से मिले बिना राइटर्स बिल्डिंग से चले गए थे.’
तब पुलिस उपायुक्त अबनी मोहन जोरदार उन्होंने बताया, ‘उनका मुख्यमंत्री से मिलने का समय रद्द कर दिया गया और मुख्यमंत्री ने एक केन्द्रीय मंत्री से बात करने में कोई रूचि नहीं दिखाई.’
बनर्जी को तब राज्य सचिवालय से जबरन बाहर निकाला गया और तत्कालीन उपायुक्त डी डी गौतम मोहन चक्रवर्ती राज्य सचिवालय से कुछ ही दूरी पर स्थित पुलिस मुख्यालय में ममता बनर्जी को ले गए और उन्हें लाकअप में रखा जबकि वह केन्द्रीय मंत्री थीं.
ममता ने राइटर्स बिल्डिंग में कदम नहीं रखने की अपनी कसम को 18 साल तक निभाया और 34 साल के वाम मोर्चे को राज को ध्वस्त करने के बाद बतौर मुख्यमंत्री इस इमारत में कदम रखा.
ममता बनर्जी आज भी उसी तेवर में हैं और पश्चिम बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद कहा कि वह आम आदमी कहलाना पसंद करेंगी.
मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने कहा, ‘हां, मैं मुख्यमंत्री हूं. लेकिन, मैं आम आदमी कहलाना पसंद करूंगी.’ उन्होंने कहा कि राज्य में विकास को लेकर उन्होंने राज्यपाल एम. के. नारायणन से मुलाकात की और वह हर हफ्ते राज्यपाल से बात करने को इच्छुक हैं.
मुख्यमंत्री बनने के बाद ममता बनर्जी ने यह वादा भी किया कि राज्य के प्रशासनिक मामलों की जानकारी लेने के लिये वो अगले सात दिनों तक रात-दिन लगातार काम करेंगी और शनिवार और रविवार को भी छुट्टी नहीं लेंगी.
ममता बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य दिवालिया होने के कगार पर है और स्थिति ‘निराशाजनक’ है. उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसी प्रणाली लाऊंगी ताकि हफ्ते में एक बार लोगों से मिल सकूं.’
प्रशासन में पारदर्शिता का वादा करते ममता बनर्जी ने कहा, ‘मैं आपको आश्वस्त करती हूं कि नई सरकार में पारदर्शिता होगी.’ बनर्जी ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि लोग समस्याओं के साथ आएंगे और उनके समाधान के लिये मैं हरसंभव कोशिश करूंगी.’ नई मुख्यमंत्री ने कहा कि वह शांति और विकास के लिये काम करेंगी.
ममता बनर्जी ने कहा, ‘आपने हमें सत्ता दिलाई, आप मुख्य स्तंभ हैं. मैं बंगाल में शांति लौटने की कामना करती हूं. सरकार को सुचारू रूप से चलाने और लोगों की सेवा के लिये मुझे आपके आशीर्वाद की जरूरत है.’
ममता के शपथ ग्रहण समारोह में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य भी मौजूद थे.