जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में इलाहाबाद में हुआ था.
14 नवंबर 1889 में जन्मे जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की. आजादी के बाद वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने.
वे भारत के विकास का चक्का पूरी तरह घुमा देना चाहते थे.
नेहरू ने औद्योगिक विकास की पहल की.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी. वे विकसित भारत का सपना देख चुके थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी.
आजादी के यद्धा थे पंडित नेहरू.
पंडित जवाहरलाल नेहरू. 1889-1964.
पंडित जवाहरलाल नेहरू. 1889-1964.
और इस तरह पंडित जवाहरलाल नेहरू हमेशा के लिए अमर हो गए.
....मिले, लेकिन मेरी राख का ज्यादा हिस्सा हवाई जहाज से ऊपर ले जाकर खेतों में बिखरा दिया जाए, वो खेत जहां...
पंडित नेहरू ने अपनी वसीयत में लिखा - मैं चाहता हूं कि मेरी मुट्ठीभर राख प्रयाग के संगम में बहा दी जाए जो हिन्दुस्तान के दामन को चूमते हुए समंदर में जा....
पंडित नेहरू का निधन दिल्ली में हुआ था. वे लोगों की आंखों में पानी और सुनहरे भविष्य के सपने छोड़ गए.
उन्हें अंतिम विदाई देने मानो पूरा देश ही सड़कों पर उमड़ आया था.
शरीर छोड़ देने के बाद भी पंडित जवाहर लाल नेहरू लोगों के दिलों में जिंदा हैं.
1963 में उन्हें दिल का हल्का दौरा पड़ा था. फिर जनवरी 1964 में उन्हें और कमजोर कर देने वाला दौरा पड़ा. कुछ महीनों बाद तीसरे दिल के दौरे से उनकी मृत्यु हुई.
27 मई 1964 में उनकी मृत्यु हो गई.
हर दिल अजीज थे पंडित जवाहरलाल नेहरू.
हर देश में लोग उनका स्वागत खड़े होकर तालियां बजाकर करते.
पंडित जवाहरलाल नेहरू की धर्मपत्नी कमला कौल.
वे जहां भी जाते, लोगों को अपना बना लेते थे.
वे जहां भी जाते, लोगों को अपना बना लेते थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने समय की बेहद लोकप्रिय शख्सियत थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने समय की बेहद लोकप्रिय शख्सियत थे.
वे हताश थे और उन्होंने कहा - समझ में नहीं आ रहा कि क्या किया जाए.. देखना पड़ेगा.
भाईचारे की दुहाई देने वालों ने जब हमला कर दिया तो नेहरू ने युद्ध की रणनीति बनाई.
1962 में चीन से हुई लड़ाई का सदमा नेहरू को भी लगा.
1955 में जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
1955 में जवाहरलाल नेहरू को भारत रत्न से सम्मानित किया गया.
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान देश के महान नेता बन गए. हर जगह उनका स्वागत होने लगा.
पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान देश के महान नेता बन गए.
भारत ने दुनिया में अपनी एक पहचान स्थापित कर ली.
दुनिया भारतीयों की काबिलियत को भी अच्छे से जान गई थी.
दुनिया पहचान गई थी भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की काबिलियत को.
पूरी दुनिया ने जवाहरलाल नेहरू को सलाम किया.
आजादी के बाद बहुत जल्द ही भारत को दुनिया जानने लगी थी.
देश धीरे-धीरे तरक्की की राह पर आगे बढ़ रहा था.
वे भारत के विकास का चक्का पूरी तरह घुमा देना चाहते थे.
वे भारत के विकास का चक्का पूरी तरह घुमा देना चाहते थे.
नेहरू ने विकास के मद्देनजर पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी. वे विकसित भारत का सपना देख चुके थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने आधुनिक भारत की नींव रखी.
1952 में देश में पहले आम चुनाव हुए, जिसमें भारतीय नागरिकों को मतदान का अधिकार था.
1952 में देश में पहले आम चुनाव हुए.
अब देश अपने लिए बनाए गए संविधान के तहत जी रहा था.
26 जनवरी 1950 को देश के पास अपना संविधान था.
गांधी जी की हत्या ने पंडित जवाहरलाल नेहरू को भीतर तक हिला दिया था.
यह घड़ी आसान नहीं थी. मौका था सोच-समझकर फैसले लेने का.
आजादी के तुरंत बाद चारों तरफ बर्बादी ही फैली थी.
हालात कुछ ऐसे हुए कि चारों तरफ बदहवासी और बेबसी का आलम था.
14 अगस्त की आधी रात के बाद ब्रिटिश राज के हाथ से भारत की सत्ता भारतीयों के पास आ चुकी थी.
और फिर 14 अगस्त की आधी रात के बाद वो घड़ी आई, जिसका इंतजार था. आजादी की सुबह नजदीक थी.
पंडित जवाहरलाल नेहरू के सामने भी अब एक ही लक्ष्य था और वह था जल्द से जल्द देश की आजादी.
पंडित नेहरू अपनी बेटी इंदिरा गांधी को ज्यादा समय नहीं दे पाते थे.
उनकी बेटी इंदिरा गांधी अब बड़ी हो रही थी.
28 फरवरी 1936 के पंडित जवाहरलाल नेहरू की धर्मपत्नी कमला नेहरू का निधन हो गया.37. धर्मपत्नी के निधन के बाद भी पंडित जवाहरलाल नेहरू आजादी की लड़ाई में सक्रिय रहे.
28 फरवरी 1936 के कमला नेहरू का निधन हो गया.
इसी दौरान नेहरू की पत्नी कमला नेहरू की तबीयत अचानक बिगड़ गई.
26 जनवरी 1930 को पंडित नेहरू ने पूर्ण स्वराज का ऐलान किया.
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 9 साल से ज्यादा समय जेल में बिताया.
1920 में पंडित जवाहरलाल नेहरू पहली बार जेल गए. वे आजादी की लड़ाई में पूरी तरह उतर चुके थे.
1919 में पंडित जवाहरलाल नेहरू महात्मा गांधी के साथ आ गए. वे गांधी जी साथ कई जगहों पर गए.
1912 में जवाहरलाल नेहरू ने बांकीपुर (बिहार) में होने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया.
1919 और 1920 में मोतीलाल नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष बने.
महात्मा गांधी से मिलने के बाद मोतीलाल नेहरू भी इंडियन नेशनल कांग्रेस का हिस्सा बने.
पंडित जवाहरलाल नेहरू पर स्वतंत्रता संग्राम के अगुवा महात्मा गांधी का बहुत प्रभाव था.
बचपन में भी पंडित जवाहरलाल नेहरू प्रतिभावान थे.
जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू पश्चिमी सभ्यता से प्रभावित थे.
जब आजादी का आंदोलन जोर पकड़ चुका था, तब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.
19 नवंबर 1917 को इंदिरा गांधी का जन्म हुआ.
लोकप्रिय शख्सियत थी पंडित नेहरू की.
सभी के चहेते थे पंडित नेहरू.
भारत लौटने के बाद 8 फरवरी 1916 को नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ. कमला दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से थीं.
भारत लौटने के चार वर्ष बाद 1916 में नेहरू का विवाह कमला कौल के साथ हुआ.
लंदन के इनर टेंपल में दो वर्ष बिताकर उन्होंने वकालत की पढ़ाई की.
हैरो से वह केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहां उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की.
15 वर्ष की उम्र में नेहरू एक अग्रणी अंग्रेज़ी विद्यालय इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल में भेजे गये.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का शुरुआती जीवन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में ही गुजरा. वे बचपन से ही प्रतिभाशाली थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का शुरुआती जीवन इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) में ही गुजरा. वे बचपन से ही प्रतिभाशाली थे.
जवाहरलाल नेहरू बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होशियार थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू की माता का नाम स्वरूप रानी था. वे एक कश्मीर ब्राह्मण थी और मोतीलाल नेहरू से उनका विवाह 1886 में हुआ.
पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू एक रुतबेदार वकील थे. वे इंडियन नेशनल कांग्रेस के लीडर भी रहे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म एक इज्जतदार और रुतबा रखने वाले परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू था.
उनके करीबी रह चुके लोगों का मानना था कि वे हंसमुख थे, लेकिन उन्हें कई बार तनाव और गुस्सा में भी देखा गया.
15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजों के अधिकार से मुक्त हो गया था. पंडित जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बनाए गए.
आजादी की लड़ाई में उन्होंने बढ़-चढ़कर भाग लिया. वे महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे.
पंडित जवाहरलाल नेहरू का परिवार मूल रूप से कश्मीर से था.