म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की मंगलवार को भारत पहुंची. भारत आकर सू की काफी अच्छा महसूस कर रही हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची अपने किशोरावस्था एवं युवावस्था का एक लम्बा दौर भारत में बिता चुकी हैं.
भारत आकर सू की ने पंडित जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी.
वह करीब 40 साल बाद मंगलवार को भारत के छह दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचीं.
सू की ने दिल्ली स्थित कंवेंट ऑफ जीसस एंड मेरी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की और लेडी श्री राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक किया.
उम्मीद की जा रही है कि वह कॉलेज की छात्राओं तथा शिक्षकों से भी मुलाकात करेंगी.
सू की उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलने वाली हैं.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत और म्यांमार के बीच व्यापक आदान-प्रदान की वकालत करते हुए बुधवार को लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की से मुलाकात की और म्यांमार में जारी लोकतांत्रीकरण की प्रक्रिया पर चर्चा की.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मनमोहन सिंह और सू की के बीच बातचीत आधा घंटा चली.
सू की का नई दिल्ली में स्वागत करने पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए मनमोहन सिंह ने जवाहरलाल नेहरू व्याख्यान देने का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
सू की के साथ मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमारी शुभकामना, आपके और लोकतंत्र के लिए आपके संघर्ष के साथ है। आपने जो अदम्य साहस दिखाया है, उसका मैं मुरीद हूं.'
नोबेल पुरस्कार विजेता सू की अपनी किशोरावस्था एवं युवावस्था का एक लम्बा दौर भारत में बिता चुकी हैं.
वह करीब 40 साल बाद मंगलवार को भारत के छह दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचीं.
वह बेंगलुरू और आंध्र प्रदेश के लिए रवाना होने से पहले गुड़गांव स्थित द इनर्जी एंड रिसोर्सेस इंस्टीट्यूट (टेरी) भी जाएंगी.
भारत, सू की को अंतर्राष्ट्रीय समझ के लिए 1992 में जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार प्रदान कर चुका है। उस समय वह म्यांमार में सैन्य शासन के तहत नजरबंद थीं.
सू की उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद से मिलने वाली हैं.
सू की ने कहा, 'भारत आकर बहुत अच्छा लगा. मैं खुश हूं कि मैं दिल्ली के कुछ हिस्सों को आज भी पहचान पा रही हूं.'
म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की बुधवार को भारत पहुंची. भारत आकर सू की काफी अच्छा महसूस कर रही हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता सू ची अपने किशोरावस्था एवं युवावस्था का एक लम्बा दौर भारत में बिता चुकी हैं.
सू की के पिता जवाहर लाल नेहरू के बहुत अच्छे मित्र थे.