मासूम बच्चे की कस्टडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले दिए अपने फैसले पर अब अफसोस जताया है. 2022 में दिए गए उस फैसले में कोर्ट ने माना कि उससे बहुत बड़ी गलती हुई थी. तीन साल बाद जब बच्चे की मानसिक और भावनात्मक स्थिति का पता चला तो कोर्ट का दिल पसीज गया.