संविधान की प्रस्तावना से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्द हटाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है. आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले की मांग पर ऑर्गनाइजर पत्रिका ने एक लेख लिखा है. इस लेख में बताया गया है कि 'सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द संविधान में जोड़े गए वैचारिक बारूदी सुरंग है जिनका असली उद्देश्य था धार्मिक मूल्यों को कमजोर करना और राजनैतिक तुष्टीकरण को बढ़ावा देना.'