प्रस्तुत कार्यक्रम में कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से देशप्रेम और राष्ट्र के प्रति अपने विचारों को व्यक्त किया. एक कवि ने भारत के कभी न झुकने की बात पर जोर दिया और कहा, "शहीदों की बदौलत मेरा हिंदुस्तान जिंदा है।" इस दौरान नेताओं के बयानों और देश की नीतियों पर भी सवाल उठाए गए. अमेरिका से संबंधों, रूस से तेल खरीद पर जुर्माने और 50% टैरिफ जैसे मुद्दों पर भी बात हुई. कवियों ने देश के भीतर डर की राजनीति और '56 इंच सीना' के घटने का भी जिक्र किया.