स्वतंत्रता दिवस
दुनिया के वह तमाम देश जिस दिन उपनिवेशवाद (Colonies) से आजाद हुए, उस दिन को वह देश स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं (Independence Day). ब्रिटेन के 57 उपनिवेश (British Colonies) थे, जिन्हें अलग अलग सालों और दिनों पर आजादी मिली. उदाहरण के तौर पर भारत 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश उपनिवेश से अलग हुआ. इस दिन को वह अपने स्वतंत्रता दिवस को तौर पर मनाता है (Indian Independence Day).
स्वतंत्रता दिवस, भारत में तीन राष्ट्रीय छुट्टियों में से एक है, जो सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या यानी 14 अगस्त को पर, भारत के राष्ट्रपति "राष्ट्र के नाम संबोधन" देते हैं. 15 अगस्त को भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) राजधानी दिल्ली में लाल किले (Red Fort, Delhi) के ऐतिहासिक स्थल की प्राचीर पर भारतीय ध्वज फहराते हैं और भारतीय राष्ट्रगान, "जन गण मन" गाया जाता है (National Song of India). भारतीय जनता को संबोधित करते हैं. वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हैं (Freedom Fighters of India). भाषण के बाद भारतीय सशस्त्र बलों और अर्धसैनिक बलों के डिवीजनों का मार्च पास्ट होता है. परेड और प्रतियोगिताएं स्वतंत्रता संग्राम और भारत की विविध सांस्कृतिक परंपराओं के दृश्यों को प्रदर्शित करती हैं. इसी तरह के आयोजन राज्यों की राजधानियों में होते हैं जहां अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं.
1973 तक, राज्य के राज्यपाल राज्य की राजधानी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया करते थें (Governor of The States). फरवरी 1974 में, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि (M Karunanidhi) ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) के साथ इस मुद्दे को उठाया कि प्रधानमंत्री की तरह मुख्यमंत्रियों को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी जानी चाहिए. 1974 से, संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों (Chief Minister of the State) को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी गई.
भारतीय प्रवासी दुनिया भर में परेड और प्रतियोगिता के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां भारतीय अप्रवासियों की संख्या अधिक है. कुछ स्थानों में, जैसे कि न्यूयॉर्क और अन्य अमेरिकी शहरों में, 15 अगस्त प्रवासी और स्थानीय आबादी के बीच "भारत दिवस" बन गया है. पेजेंट "भारत दिवस" या तो 15 अगस्त या उसके आसपास के सप्ताहांत के दिन मनाते हैं (Independence Day World Wide ).
पीएम मोदी ने 'पीएम धन धन्य कृषि योजना' का भी जिक्र किया, जिनमें देश के सौ एस्पिरेशन जिले होंगे, इन जिलों के किसानों को मदद मिलेगी. यह योजना इसी साल जुलाई के महीने में भारत सरकार ने शुरू की है.
यूपी के जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के निजी सचिव आनंद कुमार द्वारा जालौन के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भेजा गया. इस पत्र में मंत्री के बेटे अभिषेक सिंह को स्वतंत्रता दिवस के दिन प्रोटोकॉल दिए जाने का जिक्र था. पत्र में मंत्री पुत्र के साथ चलने वाली गाड़ियों और उनके निजी स्टाफ का नंबर भी प्रोटोकॉल टीम को उपलब्ध कराया गया था.
CM हेल्पलाइन 181 में सिर्फ इस बात से नाराज होकर शिकायत कर दी कि उसे ग्राम पंचायत भवन में ध्वजारोहण होने के बाद खाने के लिए लड्डू नहीं मिले थे. यह पूरा घटनाक्रम 15 अगस्त को घटित हुआ.
GST Reforms से छोटी कारों की कीमत 8% घट सकती है. रिपोर्ट के अनुसार सरकार को 6 अरब डॉलर का नुकसान, लेकिन ऑटो सेक्टर को बड़ा फायदा.
एक बहस में भारत के कभी न झुकने के संकल्प पर चर्चा हुई. इसमें ऑपरेशन सिंदूर के बाद सैनिकों के शौर्य पर उठाए गए सवालों पर बात की गई. प्रतिभागियों ने इस बात पर जोर दिया कि देश का विरोध करते-करते किसी पार्टी का विरोध करना गलत है. एक प्रतिभागी ने कहा, "करो सियासत लेकिन खुद को देश से ऊपर मत मानो." बहस में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच और आतंकवाद के मुद्दे पर भी विचार रखे गए.
प्रस्तुत कार्यक्रम में कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से देशप्रेम और राष्ट्र के प्रति अपने विचारों को व्यक्त किया. एक कवि ने भारत के कभी न झुकने की बात पर जोर दिया और कहा, "शहीदों की बदौलत मेरा हिंदुस्तान जिंदा है।" इस दौरान नेताओं के बयानों और देश की नीतियों पर भी सवाल उठाए गए. अमेरिका से संबंधों, रूस से तेल खरीद पर जुर्माने और 50% टैरिफ जैसे मुद्दों पर भी बात हुई. कवियों ने देश के भीतर डर की राजनीति और '56 इंच सीना' के घटने का भी जिक्र किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 103 मिनट का अपना सबसे लंबा भाषण दिया. इस दौरान उन्होंने देश में घुसपैठ की समस्या से निपटने के लिए 'हाई पावर्ड डेमोग्राफी मिशन' लॉन्च करने का ऐलान किया और कहा कि घुसपैठिये देश की जियोग्राफी बदल रहे हैं और नौजवानों की रोजी-रोटी छीन रहे हैं. पहली बार लाल किले से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का जिक्र करते हुए, प्रधानमंत्री ने उसे 100 साल पूरे होने पर देश को समर्पित दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ बताया.
देश भर में स्वतंत्रता दिवस का पर्व धूमधाम से मनाया गया. शहर-शहर में झंडा वंदन के कार्यक्रम आयोजित हुए. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव सहित विभिन्न मुख्यमंत्रियों ने ध्वजारोहण किया.
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बहस में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. विपक्ष के नेता के राष्ट्रीय उत्सव में शामिल न होने पर सवाल उठाए गए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा प्रकल्पों और शताब्दी वर्ष के योगदान का जिक्र हुआ. प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन को अद्भुत बताया गया.
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कई महत्वपूर्ण बातें कहीं. उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही अपना स्वदेशी चिप मैन्युफैक्चरिंग करने में सफल होगा. क्लीन एनर्जी में 2030 का लक्ष्य 2025 में ही हासिल कर लिया गया है. डिजिटल ट्रांजेक्शन में भारत का यूपीआई सिस्टम दुनिया में नंबर एक पर है.
प्रधानमंत्री मोदी ने विभाजन की त्रासदी को याद किया. वहीं, सीेएम योगी ने भारत के बंटवारे को लेकर कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपनी सत्ता की चाहत और तुष्टिकरण के लिए देश का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन करवाया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से देश के सामने घुसपैठियों की बढ़ती संख्या का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि घुसपैठियों को फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा. प्रधानमंत्री ने बताया कि सोची-समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित किया. उन्होंने पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया और कहा कि न्यूक्लियर की धमकियों को अब भारत सहने वाला नहीं है. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 साल के योगदान की सराहना की, जिस पर विपक्ष ने प्रतिक्रिया दी.
खास पेशकश सो सॉरी में PM मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ वाली तनातनी के बीच भारत की बात सुनाई. इस वीडियो में ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना का शौर्य सुनकर पाकिस्तानी के आर्मी के चीफ आसिम मुनीर खीझते नजर आए. देखें सो सॉरी.
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अटारी-वाघा बॉर्डर पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला. 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद यह पहला स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम था. इस ऑपरेशन के बाद से भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि "आपका आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा." पहले की परंपरा के विपरीत, अब वाघा बॉर्डर पर गेट नहीं खुलते, हाथ नहीं मिलते और मिठाइयों का आदान-प्रदान भी बंद कर दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. अपने भाषण में उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के संकल्प को दोहराते हुए घुसपैठ रोकने के लिए हाई पावर डेमोग्राफी मिशन और दिवाली पर न्यू जीएसटी से टैक्स घटाने का ऐलान किया. इस भाषण पर राजनीतिक बहस छिड़ गई, जिसमें एक ओर मोहन भागवत के समावेशी बयानों और दूसरी ओर प्रधानमंत्री द्वारा 'घुसपैठिया' शब्द के प्रयोग पर चर्चा हुई.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. इसे लेकर अब कांग्रेस ने कारण बताया है.
रोजगार योजना से क्रिटिकल मिनरल मिशन तक, रेल एवं संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी की नौ बड़ी घोषणाएं बताई हैं.
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने लाल किले से 103 मिनट का संबोधन दिया, जो अब तक का सबसे लंबा रिकॉर्ड है. इस भाषण में भारत की शक्ति, भविष्य की चुनौतियों, मिशन 2047 के लक्ष्यों, सेमीकंडक्टर और परमाणु ऊर्जा जैसे मुद्दों पर बात की गई. विपक्ष ने इस संबोधन को चुनावी भाषण बताया और प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ, दिवाली पर जीएसटी में राहत के वादे, युवा योजना और देश में घुसपैठ से डेमोग्राफी पर संकट के बयानों पर सवाल उठाए.
प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कई मुद्दों का जिक्र किया. उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तारीफ की, जिसे लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए. प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर मिशन मोड पर काम करेगा. उन्होंने जीएसटी सुधारों पर भी चर्चा की.
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जिक्र किया, जो पिछले 11 साल में पहली बार हुआ. संघ अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहा है. इस पर विपक्ष ने संघ के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान पर सवाल उठाए.