कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के 'लड़कियों' और 'लिव-इन रिलेशनशिप' को लेकर वाले बयान पर विवाद छिड़ा हुआ है. आजतक के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि समाज को सुधारने के लिए कड़वी भाषा का प्रयोग आवश्यक है. उन्होंने 'दवाई कड़वी ही होती है' का उदाहरण दिया.