भारतीय तोपखाने की भूमिका अपने फायर पावर से दुश्मन की सामरिक क्षमता को इस हद तक क्षीण करना है कि उसकी युद्ध की इच्छा शक्ति टूट जाए. भारत अब 155 एमएम धनुष और K9 वज्र जैसी स्वदेशी तोपों का निर्माण कर रहा है. ये तोपें आत्मनिर्भर भारत की पहचान हैं और सेना की मारक क्षमता को बढ़ा रही हैं. भारत की सैन्य क्षमता में स्वदेशी उपकरणों का महत्वपूर्ण योगदान है.