RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को अब सोने की चिड़िया नहीं, बल्कि शेर बनना है. भागवत में इस बात पर जोर दिया कि भारत का नाम 'भारत' ही रहना चाहिए और इसका अनुवाद नहीं होना चाहिए. यह भी कहा गया कि दुनिया केवल शक्ति की भाषा समझती है, इसलिए भारत को शक्ति संपन्न होना आवश्यक है.