भारत में संवेदनशील मुद्दों पर एक गरमागरम बहस हुई, जिसमें धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली बयानबाजी और नारों पर चिंता व्यक्त की गई. चर्चा के दौरान, 'आई लव मोहम्मद' जैसे नारों के इस्तेमाल और उनके संभावित परिणामों पर विशेष ध्यान दिया गया. एक वक्ता ने कहा कि 'आई लव मोहम्मद के नाम पर देश में मुसलमानों को भड़काने का जो और जान बूझ करके ये कोई सहयोग जैसा नहीं है. नवरात्र के त्यौहारों पर जान बूझ करके नवरात्रि और दिवाली के बीच में इस तरह से दंगे भड़काने की साजिश रच रहे हैं.'