एनसीईआरटी के सिलेबस में मुगल इतिहास के अध्यायों के पुनरीक्षण के बाद से देश में एक नई बहस छिड़ गई है. इस बदलाव ने मुगलों की क्रूरता और उनके शासनकाल की सच्चाई पर सवाल खड़े कर दिए हैं. कुछ लोग मुगलों के शासन को 'गंगा जमुनी तहज़ीब' का दौर बताते हुए दंगों के अभाव का दावा कर रहे हैं.