राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने संविधान की प्रस्तावना से 'सेक्युलर' और 'सोशलिस्ट' शब्दों को हटाने की मांग एक बार फिर उठाई है. संघ की साप्ताहिक पत्रिका ऑर्गनाइजर में लिखा गया है कि "सेक्युलर और जैसे शब्द संविधान में जोड़े गए व्याचारिक बारूदी सुरंग है." यह मांग संघ के सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबले के एक बयान के बाद तेज हुई है.