आखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, स्कीन इन्फेक्शन, धुएं के गुब्बारे से भरा आसमान... पटाखों से निकले धुएं का असर कुछ इसी तरह होता है. देश की राजधानी दिल्ली हर साल दिपावली के बाद धुएं से भर जाती है. सब कुछ धुंधला-धुंधला सा दिखाई देने लगता है. ऐसे में हमें कुछ कदम उठाना ही था, हमने पराली जलाने पर रोक लगाई, ऑड-इवन का फॉर्मूला अपनाया और पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई. लेकिन वो कहते हैं ना, मन माने कैसे... लोग पटाखे जलाना ऐसे ही नहीं छोड़ सकते थे. तो सामने आए ग्रीन पटाखे. जो समान्य पटाखों की तुलना में काफी कम हानिकारक होते हैं. ग्रीन पटाखों के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए देखें वीडियो.