विश्व के सबसे ऊंचे चिनाब रेल ब्रिज के उद्घाटन ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया, जहां एक ओर इसे प्रधानमंत्री मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया गया, जिसने कांग्रेस के 70 वर्षों में अधूरे रहे कार्य को पूरा किया. दूसरी ओर, यह तर्क दिया गया कि 22 वर्षों में निर्मित इस पुल में 11 वर्ष पिछली सरकारों के भी थे, और एक वक्ता ने कहा, 'जब देश निर्माण होता है तो लाखों करोड़ों लोगों का खून पसीना लगता है'.