आज तक पर हुई बहस में हर्षवर्धन त्रिपाठी ने देश के नौजवानों और बौद्धिक वर्ग के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बंटे होने पर पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों ने इस देश को जेल से शासन चलाने देने के लिए आजाद नहीं कराया था. त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि क्या हमें संविधान, लोकतंत्र और न्यायालय पर भरोसा नहीं है.