कंफर्म टिकट के लिए हम कई दिन पहले टिकट बुक करा लेते है, ताकि बाद में मारा-मारी न करनी पड़े. लेकिन, एक छोटी सी भूल आपकी सुखद यात्रा के साथ-साथ महीनों पहले टिकट बुक करने की मेहनत को भी बेकार कर देती है. आज हम आपको बताएंगे की आपको किन-किन बातों का ख्याल रखना होगा.
बिना टिकट यात्रा पर क्या हैं रेलवे के नियम
पहली बात, अगर अपने ई-टिकट लिया है तो अपने टिकट के साथ अपनी वैध आईडी प्रूफ रखना न भूलें. अगर आप यात्रा के दौरान अपना आईडी प्रूफ भूल गए है तो आप ट्रेन में बिना टिकट यात्रा करते हुए माने जाएंगे. हालांकि, रेलवे ने इसके लिए भी नियम बनाए हैं. बता दें कि रेलवे के नियमानुसार अगर आप अपना आईडी भूल गए तो आप बेटिकट तो माने जाएंगे लेकिन, आपको रेलवे ने अधिकार दिया है कि उक्त यात्रा का किराया जुर्माना (पेनाल्टी) के साथ चल टिकट निरीक्षक (टीटीई) को देकर उसी बर्थ पर आप यात्रा कर सकते है. टीटीई आपका जुर्माने की रसीद काटने के बाद आपके द्वारा महीनों पहले बुक किया गया बर्थ एलॉट कर देगा.
आरक्षण काउंटर से लिया टिकट खोने पर करें ये
अब हम आपको बताते है कि अगर यात्रा से पहले आपने आरक्षण काउंटर से लिए गए टिकट को खो दिया है तो भी आपको फिक्र करने की जरूरत नही है. रेलवे ने इसके लिए भी नियम बनाए है. अगर आपके यात्रा करने से पहले टिकट खो गया है तो आप ट्रेन का चार्ट बनने से पहले एक लिखित आवेदन मुख्य आरक्षण पर्यवेक्षक को देकर स्लीपर क्लास के लिए 50 रुपए, AC कोच के लिए 100 रुपए अदा कर डुप्लीकेट टिकट बनवा सकते है.
वहीं, अगर आप चार्ट बनने के बाद डुप्लीकेट टिकट जारी करवाते है तो ये आपको महंगी पड़ सकती है. इसके लिए आपको किराए का पचास प्रतिशत राशि देनी पड़ेंगी.