पहली नजर में रिया (नाम बदल दिया गया है ताकि उसकी पहचान उजागर न हो) यूट्यूब पर कई लोकप्रिय फैमिली चैनलों में से एक लगती है. लेकिन, करीब से देखने पर पता चलता है कि उसके 'फैमिली ब्लॉग्स' में एक यौन संबंधित संकेत छुपा होता है. लेकिन यह पूरा सच नहीं है. दरअसल, रिया एक पोर्न स्टार भी है.
इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम की एक जांच में कई यूट्यूब ऐसे चैनल मिले जिनमें ऐसा कंटेंट डाला जाता है, जो यूट्यूब की 'यौन संतोष' (sexually gratifying) कंटेंट की श्रेणी में आता है. इन वीडियो में महिला कंटेंट क्रिएटर्स साधारण काम करती दिखती हैं. मसलन कपड़े धोना, खाना बनाना, घर की सफाई करना, बच्चों को दूध पिलाना, नाचना, पढ़ाना या अपने दर्शकों को 'गुड मॉर्निंग' कहना. अब तक इसमें कुछ गलत नहीं लगता. आखिरकार, यही तो फैमिली ब्लॉगर्स करते हैं. वे घर की सामान्य गतिविधियों को रिकॉर्ड करते हैं.
लेकिन कुछ मिनट के बाद ब्लॉगर की असामान्य रूप से बार-बार की गई संकेतात्मक हरकतें, जानबूझकर किए गए कपड़ों की गड़बड़ियां और शरीर के विभिन्न हिस्सों का अनावश्यक प्रदर्शन ध्यान खींचने लगता है. एक अन्य चैनल में कविता (नाम बदला गया है) एक नकली इंग्लिश क्लास लेती है, जिसमें वह उकसाने वाली लाइनों का इस्तेमाल करती है और शरीर के हिस्सों को जानबूझकर दिखाती है. ऐसे वीडियो लाखों व्यूज बटोरते हैं.
चैनल के कम्युनिटी पेज पर बड़े ही चालाकी से एक टेलीग्राम चैनल का लिंक डाला गया है, जो 650 से अधिक सदस्यों वाले एक ग्रुप की ओर लेकर है. इसके बाद दो अलग-अलग यूजर्स पर्सनल चैट में 'रिया के वीडियो' बेचने की पेशकश करते हैं. एक यूजर, जो खुद को रिया दास बताती है, ने यूट्यूबर के एडल्ट वीडियो वाले एक प्राइवेट टेलीग्राम ग्रुप में एंट्री के लिए 1,000 रुपये की मांग की. लेकिन सिर्फ 'रिया' ही नहीं है. ऐसे कई टेलीग्राम ग्रुप्स हैं जो भारत के दूर-दराज के गांवों और कस्बों से लोकप्रिय देसी ब्लॉगर्स का पोर्न बेचते हैं. उदाहरण के लिए, ‘रिया’ खुद को असम से बताती है.
ऐसे कई और भी हैं जो सामान्य जनता के लिए ब्लॉग्स बनाते हैं और पैसा देने वाले यूजर्स के लिए एडल्ट कंटेंट तैयार करते हैं. हमने एक अलग टेलीग्राम ग्रुप पाया जो 40 से अधिक भारतीय महिला यूट्यूबर्स के प्रीमियम एडल्ट वीडियो बेचता है. उनमें से कई रात में यौन कृत्यों का लाइव स्ट्रीमिंग भी करती हैं.
यह कंटेंट क्रिएशन के तेजी से बढ़ते सेक्टर में एक गहरे संकट की ओर इशारा करती है, जिसने हजारों भारतीयों की किस्मत बदल दी है. सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की 'रैग्स टू रिचेस' (गरीबी से अमीरी तक) की कहानियां लोगों को जल्दी पैसा कमाने के लिए आकर्षित करती हैं, लेकिन हर कोई सफल नहीं हो पाता. अब ऐसा लगता है कि कई लोगों को ऐसे कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
ऑनलाइन सुरक्षा चिंताएं
इन यूट्यूब चैनलों पर पोस्ट किए गए वीडियो खुद यूट्यूब की 'नग्नता और यौन सामग्री' नीति का उल्लंघन करते दिखाई देते हैं, जो "यौन संतुष्टि के लिए बनाई गई सामग्री" को पब्लिश करने पर रोक लगाती है. इसके अलावा इन यूट्यूब चैनलों पर पोर्नोग्राफिक ऑनलाइन साइट्स के लिंक को प्रसारित करना नाबालिग यूजर्स के लिए जोखिम पैदा कर सकता है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र के प्रोफेसर सुभाष महापात्रा का कहना है कि इस तरह की सामग्री बच्चों के लिए विशेष रूप से हानिकारक हो सकती है, जो आसानी से ऐसे उत्तेजक वीडियो के आदी हो जाते हैं.
यूट्यूब पर लंबे समय से बच्चों की सुरक्षा की अनदेखी करने का आरोप लगाता रहा है. इस साल की शुरुआत में लंदन स्थित शोध संस्था 'इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक डायलॉग' (ISD) की एक जांच में कहा गया कि यूट्यूब किशोर यूजर और वयस्क यूजर के लिए भेजे गए सजेशन्स में फर्क नहीं करता, यदि उनकी रुचियां समान हों. इससे युवा उपयोगकर्ताओं को अक्सर बिना इसे खोजे भी हानिकारक चीजें परोसे जाने का खतरा रहता है.