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'झूठा और निराधार...', भारत ने म्यांमार पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को किया खारिज

भारत ने म्यांमार की मानवाधिकार स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट को "पक्षपाती और तथ्यहीन" बताते हुए कड़ी निंदा की है. रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पहलगाम आतंकी हमले का असर भारत में रह रहे म्यांमार शरणार्थियों पर पड़ा है. लोकसभा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा कि यह विश्लेषण "पूर्वाग्रह और झूठी जानकारी" पर आधारित है.

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पहलगाम में 22 अप्रैल को बड़ा आतंकी हमला हुआ था. (Photo- PTI)
पहलगाम में 22 अप्रैल को बड़ा आतंकी हमला हुआ था. (Photo- PTI)

भारत ने म्यांमार की मानवाधिकार स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र (UN) की हालिया रिपोर्ट में किए गए आरोपों को सख्ती से खारिज करते हुए उसे "पूर्वाग्रहपूर्ण और तथ्यहीन" बताया है. रिपोर्ट में कहा गया था कि अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले का असर भारत में रह रहे म्यांमार के शरणार्थियों पर पड़ा, जिसे भारत ने "झूठा और निराधार दावा" करार दिया.

संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में म्यांमार के मानवाधिकार हालात पर हुई इंटरएक्टिव डायलॉग में भारत की ओर से लोकसभा सांसद दिलीप सैकिया ने कहा, "मेरे देश के खिलाफ रिपोर्ट में की गई टिप्पणियां पूरी तरह से गलत, पक्षपाती और निराधार हैं. पहलगाम हमले को शरणार्थियों से जोड़ने का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है."

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बीजेपी सांसद ने संयुक्त राष्ट्र के स्पेशल रैपोर्टेयर थॉमस एच. एंड्रयूज की "संकीर्ण और एकतरफा नजरिए" की आलोचना की और कहा कि यह विश्लेषण भारत की छवि को धूमिल करने का प्रयास है.

भारत में म्यांमार के शरणार्थियों पर दबाव का दावा

रिपोर्ट में दावा किया गया था कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हिंदू पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत में म्यांमार के शरणार्थियों को दबाव, हिरासत और पूछताछ का सामना करना पड़ा है. सैकिया ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भारत विविधता में एकता का देश है, जहां 20 करोड़ से अधिक मुसलमान शांति और सौहार्द से रहते हैं.

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भारत ने यूएन रिपोर्ट की आलोचना की

सांसद ने कहा कि भारत म्यांमार में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करता है और समावेशी राजनीतिक संवाद और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली को स्थायी शांति का एकमात्र रास्ता मानता है. उन्होंने बताया कि भारत ने हमेशा "जनकेंद्रित नजरिया" अपनाया है और म्यांमार के लोगों की सहायता के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा और ऑपरेशन सहायत जैसे राहत अभियानों को संचालित किया.

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सैकिया ने कहा कि भारत ने म्यांमार में आए भूकंप और तूफानों के दौरान मानवीय सहायता भेजी, मेडिकल टीमें तैनात कीं और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा दिया. भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव और आसियान देशों के प्रयासों का समर्थन करते हुए कहा कि वह क्षेत्र में शांति, स्थिरता और लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध है.

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