पाकिस्तान कश्मीर में अपनी नापाक हरकतों को अंजाम देने की अक्सर कोशिश करता है लेकिन सुरक्षाबल उसके मंसूबों पर पानी फेर देते हैं. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से ही काफी बदलाव हुए हैं. पहले की तुलना में आतंकी गतिविधियों पर भी लगाम लगी है और आधुनिक बुनियादी ढांचे की सुविधाओं का भी निर्माण हो रहा है. रविवार को श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दुबई की कंपनी एम्मार द्वारा बनाए जा रहे एक मॉल की आधारशिला रखी.
मॉल में होंगी 500 दुकानें
एम्मार के सीईओ अमित जैन ने कहा कि श्रीनगर का मॉल हमारी सबसे अहम परियोजनाओं में से एक है. उन्होंने कहा कि एम्मार समूह के रूप में, हम यूएई के प्रमुख खुदरा ब्रांडों के साथ मजबूत रिश्ते लेकर आए हैं, जिनमें से अधिकांश इस पहल के माध्यम से भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. उन्होंने बताया कि मॉल में कम से कम 500 दुकानें होंगी और यहां लुलु ग्रुप हाइपरमार्केट भी संचालित करेगा.
2026 तक हो जाएगा शुरू
खबर के मुताबिक, एम्मार ग्रुप जम्मू में एक और श्रीनगर में एक आईटी टावर विकसित करेगा.संयुक्त अरब अमीरात और भारत की सरकारों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार मेगा-मॉल जम्मू- कश्मीर में पहला महत्वपूर्ण एफडीआई निवेश है, जो मार्की परियोजनाओं में निवेश की सुविधा प्रदान करता है. एम्मार और मैग्ना वेव्स बिल्डटेक द्वारा शुरू किया गया मॉल का प्रोजक्ट पूरा होने के बाद इसके 2026 तक चालू होने की उम्मीद है. इस मॉल के शुरू होने से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और कई लोग अपना व्यवसाय शुरू करेंगे.
कौन है एम्मार कंपनी
एम्मार कंपनी दुबई की जानी मानी रियल एस्टेट कंपनी है. एम्मार कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र में काम करती है औऱ दुबई स्टॉक एक्सजेंच में लिस्टेट है. एम्मार वही कंपनी है जिसने दुनिया की सबसे ऊंची इमारत बुर्ज खलीफा का निर्माण करवाया था. एक आंकड़े के मुताबिक इस कंपनी की वैल्यू करीब 16 बिलियन डॉलर से अधिक की है. कंपनी इंटरनेशनल लेवल की प्रॉपर्टी की सेवाएं देती है औऱ अफ्रीका के 37 से अधिक बाजारों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है. कंपनी में 6600 से अधिक लोग काम करते हैं.
उपराज्यपाल ने दी लोगों को बधाई
इस अवसर पर राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, 'मॉल ऑफ श्रीनगर' के निर्माण और इससे संबंधित परियोजनाओं से जम्मू-कश्मीर के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि इससे भारत और यूएई के बीच द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध मजबूत होंगे. उपराज्यपाल ने कहा कि यह असीम संभावनाओं का नया सवेरा है और हम जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं. उपराज्यपाल ने ऐतिहासिक अवसर पर जम्मू-कश्मीर के लोगों को बधाई दी.
राज्य में बढ़ रहा है निवेश
उपराज्यपाल ने बताया कि राज्य में पीएम मोदी के मार्गदर्शन में उद्योगों और व्यापार के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति लागू होने के 22 महीनों के भीतर, हमें 5000 से अधिक देशी और विदेशी कंपनियों से निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. उपराज्यपाल ने कहा कि हर दिन 8 कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है और केंद्र शासित प्रदेश में हर दिन एक नया उद्योग चालू हो रहा है. पिछले महीने 45 उद्योगों ने अपना परिचालन शुरू किया है.
प्रधानमंत्री पहले ही राज्य में 38,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए शिलान्यास कर चुके हैं. उपराज्यपाल ने कहा कि जो लोग अगस्त 2019 के बाद रोजगार पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें आत्ममंथन करना चाहिए कि उन्होंने पिछले दशकों में जम्मू-कश्मीर के लिए क्या किया? उपराज्यपाल ने कहा कि आजादी के बाद से 2019 तक जम्मू-कश्मीर में केवल 14,000 करोड़ रुपये का औद्योगिक निवेश आया. उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में, हमने विभिन्न क्षेत्रों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है.
उपराज्यपाल ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर में शांति कायम है और हड़ताल के दिन अब इतिहास बन गए हैं. उन्होंने कहा कि दुनिया ने पुलवामा, त्राल, शोपियां के युवाओं और लोगों को हाथों में तिरंगा है और लोग इस तिरंगे को लेकर अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं.
पाकिस्तान के मंसूबे ध्वस्त
कश्मीर में लगातार आ रहा है निवेश इस बात की गवाही देता है कि राज्य में हालत काफी सुधर रहे हैं. वहीं यह पाकिस्तान के उस दुष्प्रचार की भी पोल खोलता है, जो कश्मीर में मानवाधिकार के हनन के झूठे आरोप लगाता है. राज्य में बड़े पैमाने पर देश ही नहीं विदेश से भी निवेशक आ रहे हैं और उस पर्यटन में लगातार इजाफा हो रहा है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था की प्रमुख रीढ़ माना जाता है. आतंकी घटनाओं की भारी कमी साफ दिखाती है कि राज्य का युवा अब बंदूक की जगह रोजगार और पढ़ाई की तरफ जा रहा है.