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जस्टिस शेखर यादव को हटाने के प्रस्ताव पर एक ही सांसद के दो-दो साइन, फंसा पेंच

55 सांसदों ने इस नोटिस पर साइन किए हैं, लेकिन इनमें झारखंड से जेएमएम के सांसद सरफराज अहमद के साइन दो बार पाए गए हैं. अब सचिवालय यह जांच कर रहा है कि उनके साइन दो बार कैसे आ गए और क्या इनमें से कोई जाली है. सरफराज अहमद पहले ही राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से मिलकर साफ कर चुके हैं कि उन्होंने केवल एक बार ही साइन किए थे.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव.

राज्यसभा सचिवालय ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज शेखर यादव को 'हेट स्पीच' के आरोप में हटाने के लिए दिए गए प्रस्ताव पर 55 में से 45 सांसदों के साइन की पुष्टि की है. हालांकि कपिल सिब्बल और आठ अन्य सांसदों की ओर से अपने साइन की पुष्टि किया जाना अभी बाकी है.

कपिल सिब्बल ने प्रक्रिया पर उठाए सवाल

कपिल सिब्बल, जो इस मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, ने दावा किया कि उन्हें राज्यसभा सचिवालय की ओर से कोई ईमेल नहीं मिला है, जबकि सचिवालय ने बताया कि पिछले छह महीनों में उनके आधिकारिक ईमेल पर तीन बार मेल भेजा जा चुका है. सिब्बल ने साइन वेरिफिकेशन की जरूरत और मार्च में प्रक्रिया शुरू न होने पर भी सवाल उठाए, जबकि यह नोटिस 13 दिसंबर, 2024 को दिया गया था.

जेएमएम सांसद के दो साइन मिले

55 सांसदों ने इस नोटिस पर साइन किए हैं, लेकिन इनमें झारखंड से जेएमएम के सांसद सरफराज अहमद के साइन दो बार पाए गए हैं. अब सचिवालय यह जांच कर रहा है कि उनके साइन दो बार कैसे आ गए और क्या इनमें से कोई जाली है. सरफराज अहमद पहले ही राज्यसभा अध्यक्ष जगदीप धनखड़ से मिलकर साफ कर चुके हैं कि उन्होंने केवल एक बार ही साइन किए थे.

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आपराधिक जांच की संभावना से इनकार नहीं

राज्यसभा के सूत्रों के अनुसार, चूंकि इस दस्तावेज पर एक सांसद के जाली साइन पाए गए हैं, इसलिए इस मामले में सदन की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) और विशेषाधिकार समिति (प्रिविलेज कमेटी) की ओर से आपराधिक जांच की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. सूत्रों ने यह भी बताया कि जस्टिस शेखर यादव को हटाने के लिए विपक्षी सांसदों की ओर से दिए गए इस नोटिस पर न तो कोई तारीख लिखी है और न ही यह किसी के नाम संबोधित है.

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