कदम कदम पर कश्मीर राग अलापने वाला तुर्की अब मोदी सरकार के नक्शे कदम पर चल निकले हैं. तुर्की के विमानों ने रविवार को इराकी कुर्दिस्तान इलाके में एयर स्ट्राइक की है. तुर्की ने राजधानी अंकारा में हुए आत्मघाती हमले के जवाब में यह कदम उठाया. तुर्की की संसद के पास हुए इस हमले में दो पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे.
तुर्की प्रशासन के मुताबिक, रविवार को सुबह 9.30 बजे संसद के पास दो आत्मघाती हमलावर कमर्शियल वाहन से आते हैं और प्रवेश द्वार के पास इनमें से एक आतंकी खुद को उड़ा लेता है. इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी जख्मी हुए हैं.
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने संसद के पास हुए इस हमले के बाद कहा कि आतंकी कभी अपनी साजिश में कामयाब नहीं होंगे. एर्दोगान ने कहा, शांति और नागरिकों की सुरक्षा को चुनौती देने वालों के मंसूबे सफल नहीं हुए, न ही उनके मंसूबे सफल होंगे.
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी ने ली हमले की जिम्मेदारी
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है. तुर्की और उसके पश्चिम सहयोगियों ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया है. रविवार को शाम होते होते तुर्की के विमानों ने इराकी कुर्दिस्तान के कई इलाकों में बमबारी की. तुर्की रक्षा मंत्रालय ने बताया कि PKK आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले 20 ठिकानों को एयर ऑपरेशन में तबाह कर दिया गया.
भारत की राह पर तुर्की
फरवरी 2019 में जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आत्मघाती हमला हुआ था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली थी. भारतीय एयरफोर्स ने इस हमले के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी. इस एयरस्ट्राइक में जैश का लॉन्चिंग पैड तबाह हो गया था. अब इसी तरह से तुर्की ने संसद के पास हुए आत्मघाती हमले के जवाब में कुर्दिस्तान में PKK के ठिकानों पर हवाई हमले किए.
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कश्मीर पर पाकिस्तान की भाषा बोलता है तुर्की
तुर्की का प्यार पाकिस्तान से छिपा नहीं है. यही वजह है कि तुर्की कई सालों से पाकिस्तान की तरह से कश्मीर राग अलापता रहा है. इतना ही नहीं तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान पाकिस्तानी संसद से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक कश्मीर के मुद्दे को उठाते रहे हैं. वे कई बार भारत पर कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकार के उल्लंघन का आरोप भी लगा चुके हैं. वहीं, भारत भी तमाम मंचों से तुर्की को जवाब दे चुका है कि वह भारत के अंदरूनी मामलों में दखल ना दे.
फरवरी 2020 में तुर्की के राष्ट्रपति पाकिस्तान दौरे पर पहुंचे थे. वहां उन्होंने पाकिस्तान की संसद को भी संबोधित किया था. इस दौरान एर्दोगान ने पाकिस्तान को समर्थन जारी रखने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि कश्मीर जितना अहम पाकिस्तान के लिए है उतना ही तुर्की के लिए भी है.
उन्होंने कहा था, हमारे कश्मीरी भाई और बहन दशकों से पीड़ित हैं. हम एक बार फिर से कश्मीर पर पाकिस्तान के साथ हैं. हमने इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र की आम सभा में उठाया था. कश्मीर का मुद्दा जंग से नहीं सुलझाया जा सकता. इसे इंसाफ और निष्पक्षता से सुलझाया जा सकता है. इस तरह का समाधान ही सबके हक में है. तुर्की इंसाफ, शांति और संवाद का समर्थन करता रहेगा.